रविवार को गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे पर इंडियन कोस्ट गार्ड के एक लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के दुर्घटनाग्रस्त होने और उसमें आग लगने से 2 पायलट और एक एयरक्रू गोताखोर की मौत हो गई. इस बारे में सुरक्षा अधिकारियों की तरफ से जानकारी दी गई. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए चालक दल के सदस्य कमांडेंट सौरभ, डिप्टी कमांडेंट एसके यादव और मनोज प्रधान सेलर हैं.
हेलीकॉप्टर हादसे पर रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "इंडियन कोस्ट गार्ड का एक एएलएच एमके-III हेलीकॉप्टर 5 जनवरी को लगभग 12 बजकर 15 बजे गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे के रनवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिस वजह ये हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ, तब दो पायलटों और एक एयरक्रू गोताखोर के साथ आईसीजी हेलीकॉप्टर एक रेगुलर ट्रेनिंग उड़ान पर था." पोरबंदर के पुलिस अधीक्षक भागीरथसिंह जडेजा ने भी कहा कि ध्रुव हेलीकॉप्टर तब दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जब ये एक रेगुलर उड़ान पर था. हेलीकॉप्टर रनवे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई.
किस वजह से हादसे का शिकार हुआ हेलीकॉप्टर
इस हादसे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में फायर फाइटर्स की मदद से आग पर काबू पा लिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि चालक दल के तीन सदस्यों को हेलिकॉप्टर से बाहर निकाला गया और गंभीर रूप से जली हुई हालत में पोरबंदर के एक अस्पताल ले जाया गया. दुर्घटना के पीछे का कारण अभी भी पता नहीं चल पाया है और जांच शुरू कर दी गई है. कोस्ट गार्ड एक समुद्री कानून प्रवर्तन और खोज एवं बचाव एजेंसी है, जिसका अधिकार क्षेत्र भारत के क्षेत्रीय जल में है.
पहले भी हादसे का शिकार हो चुका है हेलीकॉप्टर
स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH-ध्रुव) 5.5 टन वजन कैटेगरी में एक ट्विन इंजन, मल्टी-रोल, मल्टी-मिशन न्यू जेनरेशन हेलीकॉप्टर है. 4 महीने पहले सितंबर में, ALH MK-III हेलीकॉप्टर के पोरबंदर के पास अरब सागर में गिरने के बाद चालक दल के तीन सदस्य लापता हो गए थे. हालांकि बाद में चालक दल के दो सदस्यों के शव बरामद कर लिए गए, लेकिन मिशन की कमान संभालने वाले पायलट राकेश कुमार राणा का पता लगाने के लिए खोज जारी रही. एक महीने की खोज के बाद, पायलट का शव अक्टूबर में कोस्ट गार्ड द्वारा गुजरात तट से बरामद किया गया.
ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर में कई खामियां
पोरबंदर तट से लगभग 30 समुद्री मील दूर मोटर टैंकर हरि लीला पर सवार एक घायल व्यक्ति के रेस्क्यू की कोशिश करते समय हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दो साल पहले, ALH ध्रुव में कई खामियां पाई गई थीं, जिसे सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा ऑपरेट किया जाता है. इसमें कुछ डिज़ाइन और अन्य समस्याएं पाई गई थीं. प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ी दुर्घटनाओं के बाद जांच की गई थी, जिसके कारण सेना और भारतीय वायु सेना को अपने बेड़े को रोकना पड़ा था. सुरक्षा ऑडिट पूरा होने के बाद जिन हेलीकॉप्टरों को रोका गया था, उन्होंने अपना संचालन फिर से शुरू कर दिया. भारतीय नौसेना, IAF, सेना और कोस्ट गार्ड के पास कुल 325 से ज़्यादा ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर हैं और दुर्घटनाओं की घटनाओं के बाद 2023 में सभी की तकनीकी जांच की गई.
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