नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के नए निदेशक रंजीत सिन्हा की नियुक्ति पर रोक लगाए जाने की भाजपा की मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इस आरोप को ‘अवांछित’ करार देते हुए कहा कि यह नियुक्ति प्रवर समिति द्वारा सिफारिश की गई प्रक्रिया को रोकने के लिए की गई है।
भाजपा नेता अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा है कि लोकपाल लागू होने तक प्रमुख जांच एजेंसी को बिना प्रमुख के नहीं रखा जा सकता और ‘इसीलिए नई नियुक्ति को अधर में रखने का सवाल ही नहीं है।’
जेटली तथा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए थी क्योंकि राज्यसभा की प्रवर समिति ने सिफारिश की थी कि इस प्रकार की नियुक्तियां एक कोलेजियम के जरिए होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कहना कि नियुक्ति प्रवर समिति द्वारा सिफारिश की गई प्रक्रिया को रोकने के लिए की गई है, पूरी तरह अवांछित है और इसमें कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस बात का भी खंडन करते हैं कि पूर्व में इस पद पर संप्रग सरकार द्वारा की गई नियुक्तियां हितों से प्रेरित थीं।
भाजपा नेता अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा है कि लोकपाल लागू होने तक प्रमुख जांच एजेंसी को बिना प्रमुख के नहीं रखा जा सकता और ‘इसीलिए नई नियुक्ति को अधर में रखने का सवाल ही नहीं है।’
जेटली तथा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए थी क्योंकि राज्यसभा की प्रवर समिति ने सिफारिश की थी कि इस प्रकार की नियुक्तियां एक कोलेजियम के जरिए होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कहना कि नियुक्ति प्रवर समिति द्वारा सिफारिश की गई प्रक्रिया को रोकने के लिए की गई है, पूरी तरह अवांछित है और इसमें कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस बात का भी खंडन करते हैं कि पूर्व में इस पद पर संप्रग सरकार द्वारा की गई नियुक्तियां हितों से प्रेरित थीं।
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