बात 8 फरवरी की है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की थी. उन्होंने सराहना करते हुए उन्हें ‘प्रेरक उदाहरण' बताया और कहा कि जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो उनके योगदान को याद किया जाएगा. राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों की विदाई के अवसर पर उच्च सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर' जारी किए जाने का स्वागत भी किया और विपक्षी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की समृद्धि को नजर ना लगे, इसके लिए ‘काला टीका' बहुत जरूरी होता है.
क्यों की थी तारीफ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद सदन की कार्यवाही में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मनमोहन सिंह की सराहना की थी और उनके दीर्घायु होने की भी कामना की थी.
पीएम मोदी ने की थी तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से मनमोहन सिंह जी का स्मरण करना चाहूंगा. छह बार इस सदन में वो अपने मूल्यवान विचारों से और नेता के रूप में भी और प्रतिपक्ष में भी नेता के रूप में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है.'' मोदी ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के कारण कभी बहस के दौरान छींटाकशी हो जाती है लेकिन वह बहुत अल्पकालीन होता है.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इतने लंबे अरसे तक जिस प्रकार से उन्होंने इस सदन का मार्गदर्शन किया है, देश का मार्गदर्शन किया है, वो हमेशा-हमेशा जब भी हमारे लोकतंत्र की चर्चा होगी... कुछ सदस्यों की जो चर्चा होगी, उसमें डॉ. मनमोहन सिंह की योगदान की चर्चा जरूर होगी.''
क्या कहा था पीएम मोदी ने?
प्रधानमंत्री ने कहा था कि जो भी सदस्य इस सदन में आता है, वह चाहे किसी भी दल का क्यों न हो, अपने कार्यकाल के दौरान वह अपनी प्रतिभा और व्यवहार के दर्शन जरूर कराता है. उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों के कार्यकाल से मार्गदर्शक के रूप में सीखने का प्रयास होना चाहिए.
उन्होंने कहा, "हमारे बीच वैचारिक मतभेद बने हुए हैं. सदन और देश का मार्गदर्शन करने वाले मनमोहन सिंह हमारे देश के लोकतंत्र की हर चर्चा में शामिल रहेंगे." मोदी ने कहा कि हाल में जब राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण बिल पर वोटिंग हो रही थी, ये सभी को पता था कि बहुमत होने के कारण वोटिंग का नतीजा सरकार के पक्ष में रहेगा, लेकिन इसके बावजूद मनमोहन सिंह एक व्हीलचेयर पर सदन में आए थे. मोदी ने कहा, "वो एक सांसद के तौर पर अपना कर्तव्य पूरा कर रहे थे. मैं मानता हूं कि गणतंत्र को मज़बूती देने के लिए वो सदन में आए थे."
सदन और विभिन्न समितियों में मतदान के अवसर पर मनमोहन सिंह की भागीदारी को याद करते हुए मोदी ने कहा कि वह इन अवसरों पर भी व्हीलचेयर पर आए और लोकतंत्र के प्रति भागीदारी सुनिश्चित की. ऐसी ही एक घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सभी को पता था कि विजय सत्ताधारी पक्ष की होने वाली है लेकिन डॉक्टर मनमोहन सिंह जी व्हीलचेयर में आए और उन्होंने मतदान किया.
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उन्होंने कहा, ‘‘एक सांसद अपने दायित्व के लिए कितना सजग है, इसका वो उदाहरण थे. वो प्रेरक उदाहरण था. इतना ही नहीं मैं देख रहा था कभी समिति या समिति के सदस्यों चुनाव हुए, वह व्हीलचेयर पर वोट देने आए. सवाल ये नहीं है कि वह किसको ताकत देने के लिए आए थे... मैं मानता हूं वो लोकतंत्र को ताकत देने आए थे.''
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कार्यकाल
मनमोहन सिंह देश के चौदहवें प्रधानमंत्री थे. वर्ष 2004 से 2014 तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे. मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया जो स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक समय था. आर्थिक सुधारों के लिए व्यापक नीति के निर्धारण में उनकी भूमिका की आज भी सराहना होती है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बृहस्पतिवार शाम दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि 92 वर्षीय सिंह को अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया. सिंह के अस्पताल में भर्ती होने का कारण तत्काल पता नहीं चल सका है. एम्स के अंदर लगातार सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को बढ़ाया जा रहा है.
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