प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच बातचीत से पहले भारत ने कहा कि उसे इस वार्ता से महाराष्ट्र के जैतापुर में फ्रांसीसी परमाणु संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव के साथ-साथ रफाल लड़ाकू विमान समझौते में 'गति' आने की उम्मीद है।
मोदी और ओलांद के बीच होने वाली वार्ता में व्यापार के साथ-साथ ये मुद्दे भी अहम होंगे। भारत के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में फ्रांसीसी कंपनियां रुचि जता रही हैं। बातचीत में इस विषय पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा यहां तीन महीने पहले हुए एक हमले की पृष्ठभूमि में आतंकवाद पर भी चर्चा की जाएगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन से जब यह पूछा गया कि क्या दोनों नेताओं के बीच जैतापुर परमाणु परियोजना और कई अरब डॉलर के रफाले समझौते पर बात होगी, तो उन्होंने कहा, 'भारत और फ्रांस सामरिक साझेदार हैं। इस संदर्भ में असैन्य परमाणु और रक्षा सहयोग के मामलों पर बात की जाएगी। आपने जिन मामलों का जिक्र किया, उन पर भी बात की जाएगी। हम इन मामलों में गति आने की उम्मीद करते हैं।'
अकबरुद्दीन ने कहा, 'रक्षा एवं परमाणु संबंधी मामलों पर ठोस वार्ता होगी। परिणाम के लिए इंतजार करें।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत फ्रांसीसी कंपनियों से उम्मीद करता है कि वे रक्षा और असैन्य परमाणु उर्जा के क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में हिस्सेदार बनें।
जैतापुर परियोजना के तहत फ्रांस की कंपनी अरेवा को छह परमाणु संयंत्र लगाने हैं। इनकी करीब 10,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता है, लेकिन यह परियोजना बिजली की कीमत पर मतभेदों के कारण लंबे समय से अटकी पड़ी है।
इसी तरह कीमत को लेकर मतभेदों के कारण 126 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति का समझौता भी गतिरोध में फंसा है।
मोदी चार दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं। वह फ्रांस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ दो बैठकें करेंगे। एक बैठक में बुनियादी ढांचे और दूसरी बैठक में सुरक्षा के मामले पर चर्चा की जाएगी। वह ओलांद के साथ 'नाव पे चर्चा' भी करेंगे।
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