सिंडिकेट बैंक के सीएमडी एसके जैन और उनके दो रिश्तेदारों को सीबीआई ने फोन टैपिंग के ज़रिये रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ़्तार किया है। सीएमडी और उनके रिश्तेदारों पर आरोप है कि वे भारी−भरकम रिश्वत लेकर लोन पास कराते थे। सीएमडी का एक रिश्तेदार विनीत गोधा, मध्य प्रदेश कांग्रेस की लीगल सेल के मुखिया है।
सीबीआई टीम ने विनीत गोधा और उनके भाई पुनीत गोधा को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। दिल्ली से गई सीबीआई टीम ने विजय पाहूजा नाम के व्यापारी से रिश्वत लेते दोनों भाइयों को पकड़ा। गोधा भाइयों और विजय पाहूजा को भोपाल की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दो दिन की ट्रांज़िट रिमांड में भेजा है।
तीनों को 4 अगस्त को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोप है कि बैंगलोर में फैक्टरी लगाने के लिए 200 करोड़ रु का लोन पास कराने के एवज में एस के जैन को ये रिश्वत दी जा रही थी।
सिंडिकेट बैंक के सीएमडी एसके जैन को सीबीआई ने बैंगलोर से गिरफ़्तार किया। माना जा रहा है कि सिंडिकेट बैंक के सीएमडी को सरकार सस्पेंड कर सकती है।
सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने सिंडिकेट बैंक के सीएमडी की गिरफ़्तारी के बारे में विस्तार से खुलासा करते हुए बताया कि वह पिछले छह महीने से सिंडिकेट बैंक के सीएमडी के हर फोन कॉल पर नज़र बनाए हुए थे और उनकी बातें सुन रहे थे।
सीबीआई डायरेक्टर ने शनिवार को जैन को लोन की रकम बढ़ाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी से 50 लाख रुपये की घूस मांगने की बात सुनी।
सीबीआई डायरेक्टर ने अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि वह ये सुनकर दंग रह गए कि बैंक का इतना बड़ा अफ़सर खुद रिश्वत की डील कर रहा है।
सिन्हा ने कहा कि वह उन्हें लेन−देन करते रंगे हाथ पकड़ना चाहते थे। सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि अगर इस साल मई में बड़े अफ़सरों के ख़िलाफ़ जांच के लिए सरकार की इजाज़त लेने का प्रावधान खत्म नहीं हुआ होता तो सीबीआई सिंडिकेट बैंक के सीएमडी के ख़िलाफ़ जांच नहीं कर पाती।
सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से सीबीआई सीएमडी लेवल की एक बड़ी मछली के पीछे पड़ सकती है। पिछले 20 सालों में जैन ऐसे पहले सीएमडी हैं जिन्हें इस तरह के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
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