पद्मश्री सम्मान विजेता आदिवासी महिला लक्ष्मीकुट्टी
नई दिल्ली:
भारत सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की. इस साल 85 लोगों को पद्म अवार्ड दिए गए हैं. तीन लोगों को पद्म विभूषण, नौ लोगों को पद्म भूषण और 73 लोगों को पद्म श्री से नवाजा गया है. बता दें कि विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम करने ओर सेवा देने वालों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. जिन व्यक्तियों को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है उनमें से कुछ का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार हैं:
1. एम आर राजगोपाल (पद्मश्री) : इन्हें भारत में ‘पैलिएटिव केयर’ का जनक माना जाता है. ‘पैलिएटिव केयर’ का इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों में दर्द कम करने के लिए किया जाता है. राजगोपाल को नवजात बच्चों की सर्जरी में विशेषज्ञता के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने 1980 के दशक में नवजात बच्चों की सर्जरी के बाद होने वाली मौतों की संख्या 75 प्रतिशत से कम करके 28 प्रतिशत पर लाने के लिए काम किया। उन्होंने सुरक्षित एनेस्थेसिया प्रक्रिया शुरू की.
2. अरविंद गुप्ता (पद्मश्री) : इन्होंने छात्रों की कई पीढ़ियों को बेकार पड़े सामान से सीखने के लिए प्रेरित किया. गुप्ता घरों में इस्तेमाल होने वाली सामान्य चीजों और कचरे का इस्तेमाल वैज्ञानिक प्रयोगों के ब्लाक बनाने के लिए करते हैं. गत चार दशक के दौरान उन्होंने तीन हजार स्कूलों का दौरा किया, खिलौने निर्माण से संबंधित 6200 लघु फिल्में 18 भाषाओं में बनाई. उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित लोकप्रिय कार्यक्रम ‘तरंग’ की मेजबानी की.
3. सुधांशु बिस्वास (पद्मश्री) : 99 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने अपना जीवन गरीबों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. बिस्वास पश्चिम बंगाल में स्कूल, अनाथालय और डिस्पेंसरी चलाते हैं। पश्चिम बंगाल के सुंदरबन स्थित श्री रामकृष्ण सेवाश्रम के संस्थापक हैं.
4. भज्जू श्याम (पद्मश्री) : अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त गोंड कलाकार हैं, जो मध्य प्रदेश की पारंपरिक आदिवासी पेंटिंग शैली है. श्याम को यूरोप में जीवन को गोंड पेंटिग के जरिये चित्रित करने के लिए जाना जाता है. श्याम का जन्म एक गरीब आदिवासी परिवार में हुआ था. वह आजीविका के लिए रात्रि सुरक्षा गार्ड और इलेक्ट्रिशियन के तौर पर काम करते रहे.
5. लक्ष्मीकुट्टी (पद्मश्री) : आदिवासी महिला जो अपनी स्मृति का इस्तेमाल करते हुए जड़ी-बूटी से 500 दवाएं तैयार कर चुकी हैं. वह हजारों लोगों की मदद करती हैं, विशेष तौर पर सांप और कीड़ों के काटने के मामलों में. लक्ष्मीकुट्टी दक्षिण भारत के राज्यों में विभिन्न संस्थानों में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर व्याख्यान देती हैं.
6. संदुक रूइत (पद्मश्री) : नेत्ररोग विशेषज्ञ जिनकी नयी खोज ने मोतियाबिंद की सर्जरी पर होने वाले खर्च में 90 प्रतिशत कमी लाने का काम किया. वह मोतियाबिंद की सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले कम कीमत के लेंस 30 से अधिक देशों को निर्यात करते हैं. वह प्रति सप्ताह 2500 मरीजों का इलाज करते हैं और ऐसे मरीजों की फीस माफ कर दी जाती हैं जो इसे देने में समर्थ नहीं हैं.
7. सम्पत रामटेके (पद्मश्री) : रामटेके ने 1991 में सिकल सेल बीमारी के बारे में जागरूकता अभियान चलाया. कोई चिकित्सकीय पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद उन्होंने इस बीमारी के बारे में जानकारी जुटायी और समय के साथ इसके विशेषज्ञ बन गए.
8. रोमुलुस विटेकर (पद्मश्री) : वन्यजीव संरक्षक और सरीसृप विज्ञानवेत्ता जो कि अंडमान निकोबार और तमिलनाडु में जैव विविधता के संरक्षण के लिए काम करते हैं.
9. लेंटीना ए ठक्कर (पद्मश्री) : स्थानीय रूप से इन्हें उत्सू (दादी) के तौर पर जाना जाता है. ये गांधीवादी हैं जिन्होंने नगालैंड स्थित चुचुइमलांग गांव में गांधी आश्रम में दशकों तक सेवा की. वह अपने गांव की पहली महिला हैं जिन्होंने कक्षा सातवीं तक की पढ़ाई की.
10. मुरलीकांत पेटकर (पद्म श्री) : भारत के प्रथम पैरा-ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एवं महाराष्ट्र के मुरलीकांत पेटकर को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. 1965 के भारत - पाक युद्ध में उन्होंने अपनी बांह गंवा दी थी.
11. राजगोपालन वासुदेवन (पद्म श्री) : ‘प्लास्टिक रोड मेकर‘ (प्लास्टिक से सड़के बनाने वाले) के रूप में देश में पहचाने जाने वाले तमिलनाडु के राजगोपालन वासुदेवन को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्होंने सड़क निर्माण के लिए प्लास्टिक कूड़े के पुन: उपयोग का एक नवोन्मेषी तरीका ईजाद किया.
12. सुभाषिणी मिस्त्री (पद्म श्री) : पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाके से आने वाली गरीब महिला सुभाषिणी मिस्त्री भी यह पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं. उन्होंने राज्य में गरीबों के लिए एक अस्पताल बनाने के लिए 20 साल तक घरेलू सहायिका और दिहाड़ी मजदूर के तौर पर मेहनत की.
13. सुलगत्ती नरसम्मा (पद्म श्री) : 90 से 100 साल के बीच की उम्र के कृषि मजदूर सुलगत्ती नरसम्मा को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. उनके बगैर किसी मेडिकल सुविधा के कर्नाटक के पिछड़े क्षेत्रों में प्रसव सहायिका के तौर पर सेवाएं दी.
14. विजयलक्ष्मी नवनीतकृष्णन (पद्म श्री) : तमिल लोक संगीत और आदिवासी संगीत के संग्रह, दस्तावेजीकरण और संरक्षण में अपना जीवन समर्पित करने वाली विजयलक्ष्मी नवनीतकृष्णन को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
15. येशी धोदेन (पद्म श्री) : तिब्बती हर्बल औषधि के चिकित्सक येशी धोदेन भी यह पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं. वह हिमाचल प्रदेश के दूर दराज के इलाकों में सेवाएं दे रहे हैं.
16. लेंटीना ए ठक्कर (पद्म श्री) : नगालैंड में गांधी आश्रम में दशकों सेवाएं देने वाले गांधीवादी लेंटीना ए ठक्कर, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु में वन्यजीव संरक्षक के तौर पर काम करने वाले रोमुलस व्हेतकर को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया.
17. बांग दंपती (पद्म श्री) : महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़ चिरौली में 30 साल से अधिक समय से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाले चिकित्सक बांग दंपती को भी यह पुरस्कार मिला है.
18. सांदुक रूइत (पद्म श्री) : सिकल सेल रोग के खिलाफ काम करने वाले महाराष्ट्र के संपत रामटेके और नेत्र रोग विशेषज्ञ नेपाल के सांदुक रूइत को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.
19. उर्द कवि अनवर जलालपुरी (पद्म श्री) : लखनऊ के उर्द कवि अनवर जलालपुरी को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. उन्होंने भगवद गीता के 700 श्लोकों का उर्दू में अनुवाद किया है.
20. इब्राहिम सुतार (पद्म श्री) : हिंदू मुस्लिम एकता के पैरोकार, गायक एवं कर्नाटक के इब्राहिम सुतार, तेजस के पूर्व प्रोग्राम निदेशक एवं बिहार निवासी मानस बिहारी वर्मा को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
21. सितत्व जोद्दादी (पद्म श्री) : महिला विकास एवं सशस्कतिकरण और खासतौर पर देवदासी एवं दलितों के हितों की पैराकार सितत्व जोद्दादी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
22. नौफ मरवाई (पद्म श्री) : महिला विकास एवं सशस्कतिकरण और खासतौर पर देवदासी एवं दलितों के हितों की पैराकारसउदी अरब के प्रथम योग प्रशिक्षक नौफ मरवाई को यह पुरस्कार प्रदान किया गया. नौफ ने उस देश में योग को कानूनी मान्यता दिलाने में योगदान दिया है.
23. वी ननम्मल (पद्म श्री) : भारत के सबसे वृद्ध योग शिक्षक वी ननम्मल (98) को भी यह पुरस्कार दिया गया है.
क्या है पद्म पुरस्कार:
पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है. ये पुरस्कार, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक-कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, सिविल सेवा इत्यादि के संबंध में प्रदान किए जाते हैं. ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर उद्घोषित किये जाते हैं तथा सामान्यतः मार्च/अप्रैल माह में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाने वाले सम्मान समारोहों में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं.
1. एम आर राजगोपाल (पद्मश्री) : इन्हें भारत में ‘पैलिएटिव केयर’ का जनक माना जाता है. ‘पैलिएटिव केयर’ का इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों में दर्द कम करने के लिए किया जाता है. राजगोपाल को नवजात बच्चों की सर्जरी में विशेषज्ञता के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने 1980 के दशक में नवजात बच्चों की सर्जरी के बाद होने वाली मौतों की संख्या 75 प्रतिशत से कम करके 28 प्रतिशत पर लाने के लिए काम किया। उन्होंने सुरक्षित एनेस्थेसिया प्रक्रिया शुरू की.
2. अरविंद गुप्ता (पद्मश्री) : इन्होंने छात्रों की कई पीढ़ियों को बेकार पड़े सामान से सीखने के लिए प्रेरित किया. गुप्ता घरों में इस्तेमाल होने वाली सामान्य चीजों और कचरे का इस्तेमाल वैज्ञानिक प्रयोगों के ब्लाक बनाने के लिए करते हैं. गत चार दशक के दौरान उन्होंने तीन हजार स्कूलों का दौरा किया, खिलौने निर्माण से संबंधित 6200 लघु फिल्में 18 भाषाओं में बनाई. उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित लोकप्रिय कार्यक्रम ‘तरंग’ की मेजबानी की.
3. सुधांशु बिस्वास (पद्मश्री) : 99 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने अपना जीवन गरीबों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. बिस्वास पश्चिम बंगाल में स्कूल, अनाथालय और डिस्पेंसरी चलाते हैं। पश्चिम बंगाल के सुंदरबन स्थित श्री रामकृष्ण सेवाश्रम के संस्थापक हैं.
4. भज्जू श्याम (पद्मश्री) : अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त गोंड कलाकार हैं, जो मध्य प्रदेश की पारंपरिक आदिवासी पेंटिंग शैली है. श्याम को यूरोप में जीवन को गोंड पेंटिग के जरिये चित्रित करने के लिए जाना जाता है. श्याम का जन्म एक गरीब आदिवासी परिवार में हुआ था. वह आजीविका के लिए रात्रि सुरक्षा गार्ड और इलेक्ट्रिशियन के तौर पर काम करते रहे.
5. लक्ष्मीकुट्टी (पद्मश्री) : आदिवासी महिला जो अपनी स्मृति का इस्तेमाल करते हुए जड़ी-बूटी से 500 दवाएं तैयार कर चुकी हैं. वह हजारों लोगों की मदद करती हैं, विशेष तौर पर सांप और कीड़ों के काटने के मामलों में. लक्ष्मीकुट्टी दक्षिण भारत के राज्यों में विभिन्न संस्थानों में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर व्याख्यान देती हैं.
6. संदुक रूइत (पद्मश्री) : नेत्ररोग विशेषज्ञ जिनकी नयी खोज ने मोतियाबिंद की सर्जरी पर होने वाले खर्च में 90 प्रतिशत कमी लाने का काम किया. वह मोतियाबिंद की सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले कम कीमत के लेंस 30 से अधिक देशों को निर्यात करते हैं. वह प्रति सप्ताह 2500 मरीजों का इलाज करते हैं और ऐसे मरीजों की फीस माफ कर दी जाती हैं जो इसे देने में समर्थ नहीं हैं.
7. सम्पत रामटेके (पद्मश्री) : रामटेके ने 1991 में सिकल सेल बीमारी के बारे में जागरूकता अभियान चलाया. कोई चिकित्सकीय पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद उन्होंने इस बीमारी के बारे में जानकारी जुटायी और समय के साथ इसके विशेषज्ञ बन गए.
8. रोमुलुस विटेकर (पद्मश्री) : वन्यजीव संरक्षक और सरीसृप विज्ञानवेत्ता जो कि अंडमान निकोबार और तमिलनाडु में जैव विविधता के संरक्षण के लिए काम करते हैं.
9. लेंटीना ए ठक्कर (पद्मश्री) : स्थानीय रूप से इन्हें उत्सू (दादी) के तौर पर जाना जाता है. ये गांधीवादी हैं जिन्होंने नगालैंड स्थित चुचुइमलांग गांव में गांधी आश्रम में दशकों तक सेवा की. वह अपने गांव की पहली महिला हैं जिन्होंने कक्षा सातवीं तक की पढ़ाई की.
10. मुरलीकांत पेटकर (पद्म श्री) : भारत के प्रथम पैरा-ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एवं महाराष्ट्र के मुरलीकांत पेटकर को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. 1965 के भारत - पाक युद्ध में उन्होंने अपनी बांह गंवा दी थी.
11. राजगोपालन वासुदेवन (पद्म श्री) : ‘प्लास्टिक रोड मेकर‘ (प्लास्टिक से सड़के बनाने वाले) के रूप में देश में पहचाने जाने वाले तमिलनाडु के राजगोपालन वासुदेवन को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्होंने सड़क निर्माण के लिए प्लास्टिक कूड़े के पुन: उपयोग का एक नवोन्मेषी तरीका ईजाद किया.
12. सुभाषिणी मिस्त्री (पद्म श्री) : पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाके से आने वाली गरीब महिला सुभाषिणी मिस्त्री भी यह पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं. उन्होंने राज्य में गरीबों के लिए एक अस्पताल बनाने के लिए 20 साल तक घरेलू सहायिका और दिहाड़ी मजदूर के तौर पर मेहनत की.
13. सुलगत्ती नरसम्मा (पद्म श्री) : 90 से 100 साल के बीच की उम्र के कृषि मजदूर सुलगत्ती नरसम्मा को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. उनके बगैर किसी मेडिकल सुविधा के कर्नाटक के पिछड़े क्षेत्रों में प्रसव सहायिका के तौर पर सेवाएं दी.
14. विजयलक्ष्मी नवनीतकृष्णन (पद्म श्री) : तमिल लोक संगीत और आदिवासी संगीत के संग्रह, दस्तावेजीकरण और संरक्षण में अपना जीवन समर्पित करने वाली विजयलक्ष्मी नवनीतकृष्णन को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
15. येशी धोदेन (पद्म श्री) : तिब्बती हर्बल औषधि के चिकित्सक येशी धोदेन भी यह पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं. वह हिमाचल प्रदेश के दूर दराज के इलाकों में सेवाएं दे रहे हैं.
16. लेंटीना ए ठक्कर (पद्म श्री) : नगालैंड में गांधी आश्रम में दशकों सेवाएं देने वाले गांधीवादी लेंटीना ए ठक्कर, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु में वन्यजीव संरक्षक के तौर पर काम करने वाले रोमुलस व्हेतकर को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया.
17. बांग दंपती (पद्म श्री) : महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़ चिरौली में 30 साल से अधिक समय से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाले चिकित्सक बांग दंपती को भी यह पुरस्कार मिला है.
18. सांदुक रूइत (पद्म श्री) : सिकल सेल रोग के खिलाफ काम करने वाले महाराष्ट्र के संपत रामटेके और नेत्र रोग विशेषज्ञ नेपाल के सांदुक रूइत को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.
19. उर्द कवि अनवर जलालपुरी (पद्म श्री) : लखनऊ के उर्द कवि अनवर जलालपुरी को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. उन्होंने भगवद गीता के 700 श्लोकों का उर्दू में अनुवाद किया है.
20. इब्राहिम सुतार (पद्म श्री) : हिंदू मुस्लिम एकता के पैरोकार, गायक एवं कर्नाटक के इब्राहिम सुतार, तेजस के पूर्व प्रोग्राम निदेशक एवं बिहार निवासी मानस बिहारी वर्मा को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
21. सितत्व जोद्दादी (पद्म श्री) : महिला विकास एवं सशस्कतिकरण और खासतौर पर देवदासी एवं दलितों के हितों की पैराकार सितत्व जोद्दादी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
22. नौफ मरवाई (पद्म श्री) : महिला विकास एवं सशस्कतिकरण और खासतौर पर देवदासी एवं दलितों के हितों की पैराकारसउदी अरब के प्रथम योग प्रशिक्षक नौफ मरवाई को यह पुरस्कार प्रदान किया गया. नौफ ने उस देश में योग को कानूनी मान्यता दिलाने में योगदान दिया है.
23. वी ननम्मल (पद्म श्री) : भारत के सबसे वृद्ध योग शिक्षक वी ननम्मल (98) को भी यह पुरस्कार दिया गया है.
क्या है पद्म पुरस्कार:
पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है. ये पुरस्कार, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक-कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, सिविल सेवा इत्यादि के संबंध में प्रदान किए जाते हैं. ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर उद्घोषित किये जाते हैं तथा सामान्यतः मार्च/अप्रैल माह में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाने वाले सम्मान समारोहों में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं.
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