
- केंद्र सरकार ने आगामी लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए अपनी सहमति दे दी है.
- विपक्ष ने मॉनसून सत्र के शुरूआती दिनों में ऑपरेशन सिंदूर और बिहार मतदाता सूची मामले पर हंगामा किया.
- बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
ऑपरेशन सिंदूर पर अगले हफ्ते संसद में 'शब्द-संग्राम' छिड़ेगा. सोमवार को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस होगी. मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्षी सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर सरकार की घेरेबंदी की थी. विपक्ष के हंगामे के बीच उसी दिन संसद के दोनों सदनों में सरकार ने साफ कर दिया था कि वह चर्चा के लिए तैयार है. विपक्ष चर्चा के आखिर में पीएम नरेंद्र मोदी के जवाब पर अड़ा हुआ था. पीएम मोदी के ब्रिटेन और मालदीव दौरे पर होने के कारण विपक्ष ने अपना मिशन 'ऑपरेशन सिंदूर' अगले हफ्ते तक टाल दिया था और सत्र के दूसरे दिन से रणनीति बदलते हुए बिहार वोटर लिस्ट के मुद्दे पर अपने वार को धार देना शुरू किया था. अब इस हफ्ते के आखिर में पीएम मोदी के विदेश से लौटने के बाद सोमवार और मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर दोनों सदनों में चर्चा होगी.
ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष का प्लान-4 क्या है
- विपक्षी इंडियन नैशनल डिवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के घटक दल पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे को लेकर सरकार की घेराबंदी करना चाहते हैं.
- विपक्ष इन मुद्दों पर सवालों का जवाब देने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में मौजूदगी के लिए लगातार सरकार पर दबाव बना रहा है.
- सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 16 घंटे की चर्चा कराने पर सोमवार को सहमति जताई थी. इस चर्चा की शुरुआत अब अगले हफ्ते होगी.
- पहले विपक्षी दल इस बात पर जोर दे रहे थे कि चर्चा इसी सप्ताह शुरू होनी चाहिए. लेकिन पीएम मोदी के विदेश में होने के कारण रणनीति एक हफ्ते के लिए बदल दी गई.
PM के विदेश में होने पर विपक्ष ने बदली रणनीति!
मॉनसून सत्र के शुरुआती तीन दिन काफी हंगामेदार रहे हैं. सत्र के पहले दिन जहां विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराए जाने की मांग की वहीं इस सत्र के दूसरे और तीसरे दिन बिहार में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाए जाने की कवायद पर विपक्ष हमलावर रहा. मंगलवार को बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अंदर और बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की. हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई और कई बार स्थगित करनी पड़ी.
बुधवार को विपक्ष के हंगामे को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई पहले 11 बजे तक और बाद में 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. वहीं, मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिूजू ने लोकसभा में विपक्ष पर 'दोहरे मानदंड' का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि विपक्ष ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में पोस्टर न लाने की सहमति दी थी, लेकिन फिर भी सदन में तख्तियां लहरा रहे हैं और चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. विपक्षी सदस्य लगातार तख्तियां दिखा रहे थे जिन पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में नारे लिखे थे.
विपक्षी सांसदों ने पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे संवेदनशील मुद्दों पर प्रधानमंत्री के जवाब और सदन में चर्चा की भी मांग की थी. किरेन रीजीजू ने बताया कि बीएसी में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा का समय तय किया गया था, लेकिन विपक्ष सभी मुद्दों पर एक साथ चर्चा चाहता है. किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष हंगामा कर रहा है और देश के करदाताओं के पैसे और सदन का समय बर्बाद कर रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं