अनिर्बान और उमर खालिद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देशद्रोह मामले में आरोपी जेएनयू छात्र उमर खालिद और अनिर्बान को पटियाला हाउस कोर्ट से छह महीने की अंतरिम जमानत मिलने के बाद आज देर शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होने के बाद दोनों जेएनयू कैंपस पहुंचे। यहां उमर खालिद ने छात्रों को ठीक उसी तरह संबोधित किया, जैसे कन्हैया कुमार ने जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद जेएनयू कैंपस पहुंचकर किया था।
पिछले डेढ़ महीने से खुद को ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं : उमर खालिद
यहां उमर खालिद ने छात्रों से कहा कि 'हमारे आंदोलन को तोड़ने वाले कितने बड़े मुगालते थे। मैं आप सभी लोगों के बीच में खड़ा होकर पिछले ड़ेढ महीने से खुद को ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं। हम लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हमें इस बात को लेकर शर्म नहीं है कि हमें इस धारा के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि देश के स्वतंत्रता सेनानी भी इसी आरोप में गिरफ्तार किए गए।'
क्रिमिनल वो हैं जो पावर में हैं : उमर
उमर ने आगे कहा, 'हम यहां से चिल्ला-चिल्लाकर बोलना चाहते हैं कि सरकार के खिलाफ हमारा विद्रोह जारी रहेगा। क्रिमिनल वो हैं जो पावर में हैं। सत्ता का विरोध करने वालों को हमेशा जेल में डाला गया।' खालिद ने अपने भाषण में पीएम मोदी और शिव सेना के प्रमुख बाला साहब ठाकरे पर भी निशाना साधा।
कोर्ट ने दी शर्तों के साथ दी जमानत
इससे पहले दोनों की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि दोनों बिना इजाजत दिल्ली नहीं छोड़ेंगे और जांच अधिकारी के कहने पर जांच में शामिल होंगे। अदालत ने कहा कि दोनों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। लिहाजा, ऐसा नहीं लगता कि वो कानून से भाग जाएंगे। कन्हैया को जमानत दी गई, समानता के आधार पर इनको भी जमानत मिलनी चाहिए।
वीडियो की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा : पुलिस
वहीं, पुलिस ने कहा है कि घटना के दिन के वीडियो को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा। दोनों आरोपी उच्च शिक्षित हैं, जिन्होंने दिल्ली विवि के प्रीमियर कालेज से ग्रेजुएशन की है। ये जेएनयू से एमफिल और एम.ए और पीएचडी कर रहे हैं। दोनों 5-6 साल से जेएनयू में रह रहे हैं। हालांकि पुलिस ने दोनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
इससे पहले कोर्ट ने दोनों की जमानत अर्जी पर आज (18 तारीख) तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन्होंने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जांच एजेंसियों को अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। साथ ही कन्हैया को जमानत मिल चुकी है, लिहाजा उन्हें ज़मानत दी जाए।
वहीं, एक खबर के मुताबिक जेएनयू के उच्च स्तरीय जांच पैनल ने देशद्रोह मामले में उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को वैमनस्यता, जातिगत या क्षेत्रीय भावनाएं भड़काने या छात्रों के बीच कटुता फैलाने का ‘दोषी’ पाया है। उप महानिरीक्षक (कारागार) तिहाड़ जेल के जरिए अनिर्बान और उमर को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में विश्वविद्यालय ने उन्हें चार आरोपों के तहत ' दोषी' माना। पांच सदस्यीय कमेटी ने विश्वविद्यालय के नियमों और अनुशासनात्मक नियमों के उल्लंघन का ' दोषी ' पाए जाने पर अनिर्बान और उमर समेत 21 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
पिछले डेढ़ महीने से खुद को ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं : उमर खालिद
यहां उमर खालिद ने छात्रों से कहा कि 'हमारे आंदोलन को तोड़ने वाले कितने बड़े मुगालते थे। मैं आप सभी लोगों के बीच में खड़ा होकर पिछले ड़ेढ महीने से खुद को ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं। हम लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हमें इस बात को लेकर शर्म नहीं है कि हमें इस धारा के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि देश के स्वतंत्रता सेनानी भी इसी आरोप में गिरफ्तार किए गए।'
क्रिमिनल वो हैं जो पावर में हैं : उमर
उमर ने आगे कहा, 'हम यहां से चिल्ला-चिल्लाकर बोलना चाहते हैं कि सरकार के खिलाफ हमारा विद्रोह जारी रहेगा। क्रिमिनल वो हैं जो पावर में हैं। सत्ता का विरोध करने वालों को हमेशा जेल में डाला गया।' खालिद ने अपने भाषण में पीएम मोदी और शिव सेना के प्रमुख बाला साहब ठाकरे पर भी निशाना साधा।
कोर्ट ने दी शर्तों के साथ दी जमानत
इससे पहले दोनों की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि दोनों बिना इजाजत दिल्ली नहीं छोड़ेंगे और जांच अधिकारी के कहने पर जांच में शामिल होंगे। अदालत ने कहा कि दोनों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। लिहाजा, ऐसा नहीं लगता कि वो कानून से भाग जाएंगे। कन्हैया को जमानत दी गई, समानता के आधार पर इनको भी जमानत मिलनी चाहिए।
वीडियो की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा : पुलिस
वहीं, पुलिस ने कहा है कि घटना के दिन के वीडियो को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा। दोनों आरोपी उच्च शिक्षित हैं, जिन्होंने दिल्ली विवि के प्रीमियर कालेज से ग्रेजुएशन की है। ये जेएनयू से एमफिल और एम.ए और पीएचडी कर रहे हैं। दोनों 5-6 साल से जेएनयू में रह रहे हैं। हालांकि पुलिस ने दोनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
इससे पहले कोर्ट ने दोनों की जमानत अर्जी पर आज (18 तारीख) तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन्होंने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जांच एजेंसियों को अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। साथ ही कन्हैया को जमानत मिल चुकी है, लिहाजा उन्हें ज़मानत दी जाए।
वहीं, एक खबर के मुताबिक जेएनयू के उच्च स्तरीय जांच पैनल ने देशद्रोह मामले में उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को वैमनस्यता, जातिगत या क्षेत्रीय भावनाएं भड़काने या छात्रों के बीच कटुता फैलाने का ‘दोषी’ पाया है। उप महानिरीक्षक (कारागार) तिहाड़ जेल के जरिए अनिर्बान और उमर को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में विश्वविद्यालय ने उन्हें चार आरोपों के तहत ' दोषी' माना। पांच सदस्यीय कमेटी ने विश्वविद्यालय के नियमों और अनुशासनात्मक नियमों के उल्लंघन का ' दोषी ' पाए जाने पर अनिर्बान और उमर समेत 21 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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