नई दिल्ली:
दिल्ली में ओला और उबर चालकों की एक दिन की हड़ताल के कारण कोई बड़ा प्रभाव देखने को नहीं मिला, क्योंकि दैनिक यात्रियों को सुबह के व्यस्त समय के दौरान अपने गंतव्य तक जाने में कैब आसानी से मिल गई. हड़ताल का आह्वान करने वाले सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन ऑफ दिल्ली (एसएडीए) ने दावा किया कि ‘कम किरायों’ के खिलाफ दोपहर बाद और अधिक चालक प्रदर्शन में शामिल हो जाएंगे.
हालांकि कई मार्गों पर कैब आसानी से उपलब्ध है लेकिन ऐप आधारित कुछ कैब चालकों ने कुछ मार्गों के लिए किराया बढ़ा दिया है. ऑटो और टैक्सी यूनियनों के हड़ताल में शामिल नहीं होने के निर्णय के कारण स्थिति सामान्य बनी रही. दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन :पीली काली टैक्सियां: ने कहा कि वे सामान्य रूप से काम करते रहेंगे.
दोनों संगठनों के महासचिव राजेन्द्र सोनी ने बताया, हम दिल्ली में हड़ताल का समर्थन नहीं करेंगे. ओला और उबर के 1.25 लाख चालकों का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाली एसडीएडी ने वर्तमान के छह रुपया प्रतिकिलोमीटर की दर को बढ़ाकर करीब 20 रुपया प्रतिकिलोमीटर करने की मांग की है. वे कंपनियों द्वारा चालकों से लिए जाने वाले 25 प्रतिशत कमीशन को हटाने की भी मांग कर रहे हैं. इस साल फरवरी में एसडीएडी द्वारा आहूत एक हड़ताल के कारण दिल्ली-एनसीआर में दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. उस दौरान ओला-उबर के अधिकांश चालक 13 दिनों तक सड़क पर नहीं उतरे थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि कई मार्गों पर कैब आसानी से उपलब्ध है लेकिन ऐप आधारित कुछ कैब चालकों ने कुछ मार्गों के लिए किराया बढ़ा दिया है. ऑटो और टैक्सी यूनियनों के हड़ताल में शामिल नहीं होने के निर्णय के कारण स्थिति सामान्य बनी रही. दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन :पीली काली टैक्सियां: ने कहा कि वे सामान्य रूप से काम करते रहेंगे.
दोनों संगठनों के महासचिव राजेन्द्र सोनी ने बताया, हम दिल्ली में हड़ताल का समर्थन नहीं करेंगे. ओला और उबर के 1.25 लाख चालकों का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाली एसडीएडी ने वर्तमान के छह रुपया प्रतिकिलोमीटर की दर को बढ़ाकर करीब 20 रुपया प्रतिकिलोमीटर करने की मांग की है. वे कंपनियों द्वारा चालकों से लिए जाने वाले 25 प्रतिशत कमीशन को हटाने की भी मांग कर रहे हैं. इस साल फरवरी में एसडीएडी द्वारा आहूत एक हड़ताल के कारण दिल्ली-एनसीआर में दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. उस दौरान ओला-उबर के अधिकांश चालक 13 दिनों तक सड़क पर नहीं उतरे थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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