नई दिल्ली/ गाजियाबाद:
डॉक्टर दंपति राजेश और नूपुर तलवार की किशोर बेटी आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की 2008 में हुई सनसनीखेज हत्या के मामले में सत्र अदालत में 11 मई से औपचारिक मुकदमा शुरू होगा। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसजेएम) प्रीति सिंह ने बुधवार को यह कहते हुए मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश भारत भूषण की अदालत में भेज दिया कि उनके पास हत्या के मामले में मुकदमा चलाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता के तहत आवश्यक शक्ति नहीं है।
एसजेएम सिंह ने दंत चिकित्सक दंपति के इस आग्रह को खारिज कर दिया कि मामले में अभी मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि उन्हें अभी अभियोजन ने सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। अदालत सीबीआई की इस दलील से सहमत नजर आई कि वे सिर्फ मुकदमे में देरी कराने की कोशिश कर रहे हैं।
अभियोजन द्वारा सभी दस्तावेज मुहैया कराए जाने के तलवार दंपति के आग्रह का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इस व्यवस्था के अनुरूप उन्हें प्रासंगिक दस्तावेज पहले ही दिए जा चुके हैं कि वे सीबीआई द्वारा अदालत में दायर सभी दस्तावेजों को पाने के हकदार नहीं हैं। सीबीआई के वकील ने कहा कि एजेंसी ने कुल 153 गवाहों से जिरह की है और उनमें से 90 के बयान तलवार दंपति को पहले ही उपलबध कराए जा चुके हैं।
इसके अतिरिक्त 23 तस्वीरें भी उपलब्ध कराई गईं जिन पर एजेंसी अपने मुकदमे के लिए निर्भर है। अदालत ने हालांकि, तलवार दंपति को सभी दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति दे दी। सुनवाई के दौरान नूपुर और उनके पति राजेश तलवार दोनों ही मौजूद थे। नूपुर को बाद में डासना जेल ले जाया गया।
एसजेएम सिंह ने दंत चिकित्सक दंपति के इस आग्रह को खारिज कर दिया कि मामले में अभी मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि उन्हें अभी अभियोजन ने सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। अदालत सीबीआई की इस दलील से सहमत नजर आई कि वे सिर्फ मुकदमे में देरी कराने की कोशिश कर रहे हैं।
अभियोजन द्वारा सभी दस्तावेज मुहैया कराए जाने के तलवार दंपति के आग्रह का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इस व्यवस्था के अनुरूप उन्हें प्रासंगिक दस्तावेज पहले ही दिए जा चुके हैं कि वे सीबीआई द्वारा अदालत में दायर सभी दस्तावेजों को पाने के हकदार नहीं हैं। सीबीआई के वकील ने कहा कि एजेंसी ने कुल 153 गवाहों से जिरह की है और उनमें से 90 के बयान तलवार दंपति को पहले ही उपलबध कराए जा चुके हैं।
इसके अतिरिक्त 23 तस्वीरें भी उपलब्ध कराई गईं जिन पर एजेंसी अपने मुकदमे के लिए निर्भर है। अदालत ने हालांकि, तलवार दंपति को सभी दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति दे दी। सुनवाई के दौरान नूपुर और उनके पति राजेश तलवार दोनों ही मौजूद थे। नूपुर को बाद में डासना जेल ले जाया गया।
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