पुणे: चीन, अमेरिका समेत कई यूरोपियों देशों में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि कोविड-19 रोधी वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) की चौथी खुराक लेने की जरूरत है या नहीं. भारत में भी कोरोना रोधी वैक्सीन की तीसरी खुराक यानि बूस्टर डोज काफी लोग पिछले साल ही ले चुके हैं. विदेशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
व्यक्ति ने कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी खुराक ली है, तो...
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि कोरोना वायरस और उसके स्वरूपों के बारे में मौजूद सबूतों को देखते हुए कोविड-19 रोधी टीके की चौथी खुराक की जरूरत नहीं है. गंगाखेडकर ने मंगलवार को एक कार्यक्रम से इतर कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी खुराक ली है, तो इसका मतलब है कि उसकी ‘टी-सेल' प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को तीन बार प्रशिक्षित किया गया है।
बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को मास्क...
डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा, "मुख्य वायरस (कोविड-19) इतना नहीं बदला है कि एक नए टीके की आवश्यकता हो, इसलिए हमारे ‘टी-सेल' प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर भरोसा रखें. मौजूदा सबूतों (वायरस के स्वरूपों से जुड़े) को देखते हुए यह इतना गंभीर नहीं है कि कोविड-19 रोधी टीके की चौथी खुराक की जरूरत पड़े." डॉ. गंगाखेडकर के अनुसार, बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को मास्क पहनने जैसे एहतियाती उपाय करते रहना चाहिए.
गंगाखेडकर ने कहा कि चौथी खुराक के बारे में अभी सोचने की जरूरत नहीं है, क्योंकि किसी भी नए स्वरूप का नाता सार्स-सीओवी2 से नहीं होगा. यह पूरी तरह से नया स्वरूप हो सकता है और जब वह आएगा, तब हम उसके बारे में सोचेंगे, क्योंकि हमारी जीनोमिक निगरानी अब भी जारी है. अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है.
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