यह ख़बर 19 मार्च, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा: बिजली बिलों पर छूट देने के लिए पैसा नहीं

नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट में कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती केजरीवाल सरकार द्वारा कुछ उपभोक्ताओं के बकाया बिजली बिलों पर 50 प्रतिशत छूट देने के फैसले को लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके लिए 2013-14 के बजट में धन का आवंटन ही नहीं किया गया है।

केजरीवाल सरकार ने अक्तूबर 2012 से दिसंबर 2013 के बीच बिजली बिलों का भुगतान नहीं करने वाले ग्राहकों के बिजली के बकायों पर 50 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की थी।

दिल्ली सरकार ने कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बीडी अहमद तथा न्यायाधीश एस मृदुल की पीठ के समक्ष दाखिल हल्फनामे में यह बात कही। इसके अनुसार बिलों को भुगतान नहीं करने वाले बिजली ग्राहकों को राहत देने के लिए धन जारी करने के उद्देश्य से बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया। इस मद पर 6 करोड़ 8.21 लाख रुपये के खर्च का अनुमान है।

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हलफनामे के अनुसार दिल्ली सरकार के बिजली विभाग ने 14 फरवरी 2014 के पत्र के जरिए संशोधित अंतिम आधिक्य एवं बचत वक्तव्य (2013-14) पेश किया। इसमें बिजली ग्राहकों को 6821 करोड़ रुपये की एकमुश्त राहत देने का प्रावधान करने तथा बजट में एक नई मद का सृजन करने के प्रावधान के लिए कहा गया था।