एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पुलिस बल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय आतंकियों को एनकाउंटर में मारा न जाए, उन्हें घर वापस लाया जाए.
मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि अफ्स्पा कानून जिससे सेना को विशेष ताकत मिलती है जिससे वे शक होने पर किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं या फिर उन्हें हिरासत में ले सकते हैं, हमेशा के लिए नहीं है.
पुलिस बल के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने काह, हमारे बच्चे जो आतंकवादी बन गए हैं, मैं पुलिस से अपील करती हूं कि ऐसी कोशिश की जाए कि वे वापस आएं. एनकाउंटर में मार गिराए जाने की बजाए उन्हें वापस मुख्य धारा में जोड़ा जाए. उनके हाथों में बंदूक के बजाए बैट और बॉल थमाया जाए तो बेहतर होगा.
मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि यह बेहद जरूरी है, जम्मू-कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाया जाए.
हिंसा पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, मैं पैलेज गन को बैन करना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए. हमेशा से हमारे बच्चों का कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हम किसी को उनपर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते. अगर हमें बातचीत करनी है तो हमें मिलिटेंसी रोकनी होगी.
मुफ्ती के यह बयान तब आया है जब सोशल मीडिया पर हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकियों का एक वीडियो आया जो किसी बाग में शूट किया गया है जिसमें ये लोग एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. यह एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है.
वानी सोशल मीडिया का काफी प्रयोग किया करता था जिससे युवाओं को अपने साथ मिलाया जा सकते. कई वीडियो और फोटो में वह हथियार के साथ दिखाई दिया और सुरक्षा बलों पर ताना मारता दिखाई दिया. ये वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया.
बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है.
मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि अफ्स्पा कानून जिससे सेना को विशेष ताकत मिलती है जिससे वे शक होने पर किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं या फिर उन्हें हिरासत में ले सकते हैं, हमेशा के लिए नहीं है.
पुलिस बल के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने काह, हमारे बच्चे जो आतंकवादी बन गए हैं, मैं पुलिस से अपील करती हूं कि ऐसी कोशिश की जाए कि वे वापस आएं. एनकाउंटर में मार गिराए जाने की बजाए उन्हें वापस मुख्य धारा में जोड़ा जाए. उनके हाथों में बंदूक के बजाए बैट और बॉल थमाया जाए तो बेहतर होगा.
मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि यह बेहद जरूरी है, जम्मू-कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाया जाए.
हिंसा पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, मैं पैलेज गन को बैन करना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए. हमेशा से हमारे बच्चों का कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हम किसी को उनपर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते. अगर हमें बातचीत करनी है तो हमें मिलिटेंसी रोकनी होगी.
मुफ्ती के यह बयान तब आया है जब सोशल मीडिया पर हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकियों का एक वीडियो आया जो किसी बाग में शूट किया गया है जिसमें ये लोग एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. यह एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है.
वानी सोशल मीडिया का काफी प्रयोग किया करता था जिससे युवाओं को अपने साथ मिलाया जा सकते. कई वीडियो और फोटो में वह हथियार के साथ दिखाई दिया और सुरक्षा बलों पर ताना मारता दिखाई दिया. ये वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया.
बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है.
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