नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शनिवार को सपा के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है. मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी. गौरतलब है कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने पांच नवंबर को अपनी पार्टी के रजत जयंती समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया था.
दरअसल माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत कारणों यानी छठ पूजा पर्व मनाने की वजह से शामिल नहीं हो सकेंगे. यह पर्व बिहार के सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक है. सूत्रों के मुताबिक यद्यपि जदयू नेता शरद यादव सपा के कार्यक्रम में शामिल होंगे. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) नेता अजित सिंह भी सपा के समारोह में शामिल होंगे. रालोद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों में मजबूत जनाधार माना जाता है.
अगले साल यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सपा का यह कार्यक्रम ऐसे वक्त आयोजित होने जा रहा है जब पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन बनाने की संभावना तलाश रहे हैं. बिहार में पिछले साल इसी तरह के महागठबंधन ने बीजेपी को हरा दिया था जोकि राज्य की सत्ता में बड़ी जीत की आस लगाए बैठी थी.
सपा सुप्रीमो के नीतीश कुमार और जदयू नेताओं को आमंत्रण देने के पीछे उसी तरह के महागठंधन बनाने की संभावनाएं तलाशने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा था. गौरतलब है कि सपा ने पिछले साल बिहार में सीटों के मसले पर बात नहीं बन पाने के कारण महागठबंधन में चुनाव से पहले दूरी बना ली थी.
सपा का वह दांव उलटा पड़ा था और पार्टी का बिहार में खाता भी नहीं खुला. जदयू और लालू प्रसाद के राजद के पक्ष में जनादेश मिला. कांग्रेस भी इस महागठबंधन का हिस्सा थी और वह भी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
दरअसल माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत कारणों यानी छठ पूजा पर्व मनाने की वजह से शामिल नहीं हो सकेंगे. यह पर्व बिहार के सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक है. सूत्रों के मुताबिक यद्यपि जदयू नेता शरद यादव सपा के कार्यक्रम में शामिल होंगे. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) नेता अजित सिंह भी सपा के समारोह में शामिल होंगे. रालोद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों में मजबूत जनाधार माना जाता है.
अगले साल यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सपा का यह कार्यक्रम ऐसे वक्त आयोजित होने जा रहा है जब पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन बनाने की संभावना तलाश रहे हैं. बिहार में पिछले साल इसी तरह के महागठबंधन ने बीजेपी को हरा दिया था जोकि राज्य की सत्ता में बड़ी जीत की आस लगाए बैठी थी.
सपा सुप्रीमो के नीतीश कुमार और जदयू नेताओं को आमंत्रण देने के पीछे उसी तरह के महागठंधन बनाने की संभावनाएं तलाशने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा था. गौरतलब है कि सपा ने पिछले साल बिहार में सीटों के मसले पर बात नहीं बन पाने के कारण महागठबंधन में चुनाव से पहले दूरी बना ली थी.
सपा का वह दांव उलटा पड़ा था और पार्टी का बिहार में खाता भी नहीं खुला. जदयू और लालू प्रसाद के राजद के पक्ष में जनादेश मिला. कांग्रेस भी इस महागठबंधन का हिस्सा थी और वह भी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं