
नई दिल्ली:
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में महिलाओं के प्रति अपमानजनक बयान देने के आरोपों से घिरे वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वो सब विवाहित महिलाओं को अपनी मां के समान समझते हैं। उन्होंने कहा कि वो महिला वकीलों से कोर्ट से बाहर माफ़ी मांगने को भी तैयार हैं। हालांकि उन्होंने बीबीसी पर कोई आपतिजनक बयान देने से इंकार किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो हफ़्तों के भीतर अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। निर्भया पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री में महिला विरोधी बयान देने वाले वकील एमएल शर्मा और एपी सिंह के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। महिला वकीलों द्वारा दाखिल याचिका में मांग की गई है कि इन दोनों वकीलों की सुप्रीम कोर्ट में एंट्री पर रोक लगाई जाए और दोनों इसके लिए माफ़ी मांगें। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों वकीलों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।
लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि दोनों वकीलों को नोटिस नहीं मिले हैं। लेकिन कोर्ट में वकील एमएल शर्मा पेश हुए और नोटिस स्वीकार कर लिया। इस दौरान शर्मा ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए संस्कृत का एक श्लोक भी सुना दिया। और इसका अर्थ बताते हुए कहा कि सब विवाहित महिलाएं मेरी मां के समान हैं और वो कोर्ट से बाहर महिला वकीलों से बात करने व माफ़ी मांगने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया कि डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने कोई आपत्तिजनक बयान दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो हफ़्तों के भीतर अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। निर्भया पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री में महिला विरोधी बयान देने वाले वकील एमएल शर्मा और एपी सिंह के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। महिला वकीलों द्वारा दाखिल याचिका में मांग की गई है कि इन दोनों वकीलों की सुप्रीम कोर्ट में एंट्री पर रोक लगाई जाए और दोनों इसके लिए माफ़ी मांगें। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों वकीलों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।
लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि दोनों वकीलों को नोटिस नहीं मिले हैं। लेकिन कोर्ट में वकील एमएल शर्मा पेश हुए और नोटिस स्वीकार कर लिया। इस दौरान शर्मा ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए संस्कृत का एक श्लोक भी सुना दिया। और इसका अर्थ बताते हुए कहा कि सब विवाहित महिलाएं मेरी मां के समान हैं और वो कोर्ट से बाहर महिला वकीलों से बात करने व माफ़ी मांगने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया कि डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने कोई आपत्तिजनक बयान दिया है।
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