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This Article is From Apr 29, 2023

आंध्र प्रदेश में इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद नौ छात्रों ने की आत्महत्या

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में नौ छात्रों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा (Intermediate Exam) में असफल होने के बाद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष (कक्षा 11 और 12) के परिणाम बुधवार को घोषित किए गए.

आंध्र प्रदेश में इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद नौ छात्रों ने की आत्महत्या
आंध्र प्रदेश में नौ छात्रों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में असफल होने के बाद आत्महत्या कर ली.
नई दिल्ली:

आंध्र प्रदेश बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट (Andhra Pradesh Board of Intermediate) परीक्षा द्वारा बुधवार को कक्षा 11 और 12 के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के बाद आंध्र प्रदेश में नौ छात्रों ने आत्महत्या (Suicide) कर ली है. बताया जा रहा है कि दो अन्य छात्रों ने भी आत्महत्या का प्रयास किया है. परीक्षा में करीब 10 लाख छात्र शामिल हुए थे. 11वीं का पासिंग प्रतिशत 61 और 12वीं का 72 फीसदी रहा. खबरों के मुताबिक बी तरुण (17) ने श्रीकाकुलम जिले में एक ट्रेन (Train) के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली. जिले के दांदू गोपालपुरम गांव का रहने वाला इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष का छात्र ज्यादातर पेपर में फेल होने के बाद मायूस बताया जा रहा था.

मलकापुरम थाना क्षेत्र के अंतर्गत त्रिनादपुरम में एक 16 वर्षीय लड़की ने अपने घर में आत्महत्या कर ली. वह विशाखापत्तनम जिले की रहने वाली हैं. एक अखिलश्री इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष के कुछ विषयों में असफल होने के बाद कथित तौर पर परेशान थी. एक और 18 वर्षीय युवक ने विशाखापत्तनम के कंचारपालम इलाके में अपने आवास पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. वह इंटरमीडिएट के दूसरे वर्ष में एक विषय में फेल हो गया था.

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के दो 17 वर्षीय छात्रों ने एपी इंटरमीडिएट परीक्षा में असफल होने के बाद आत्महत्या कर ली. एक छात्रा ने झील में कूदकर जान दे दी, जबकि इसी जिले में एक लड़के ने कीटनाशक खाकर जान दे दी. एक अन्य 17 वर्षीय छात्र ने अनाकापल्ली में अपने आवास पर फांसी लगाकर जान दे दी. बताया जा रहा है कि इंटरमीडिएट में पहले साल में कम अंक आने से वह तनाव में था.

भारत के प्रमुख कॉलेजों में आत्महत्याओं की बाढ़ के बीच चौंकाने वाली खबर आई है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के विभिन्न परिसरों में इस साल संदिग्ध आत्महत्याओं में चार छात्रों की मौत हो गई है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने फरवरी में छात्रों द्वारा कथित आत्महत्याओं की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि पीड़ितों के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति उनकी संवेदना है. उन्होंने कहा कि वह सोच रहे हैं कि हमारे संस्थान कहां गलत हो रहे हैं, कि छात्र अपनी जान लेने को मजबूर हैं.

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(If you need support or know someone who does, please reach out to your nearest mental health specialist.)

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