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'एक दिन ऐसा आएगा जब दुनिया...', किसी चुनी हुई सरकार के मुखिया के साथ ऐसा करना गलत, जब अमेरिका को नरेंद्र मोदी ने सुना दिया था

PM Modi Podcast Interview: पीएम मोदी ने युद्ध और दुनिया भर में चल रहे संघर्ष के मुद्दे पर अपने रुख पर जोर देते हुए कहा कि उनका रुख न्यूट्रल नहीं है बल्कि वह शांति के पक्षधर हैं.

'एक दिन ऐसा आएगा जब दुनिया...', किसी चुनी हुई सरकार के मुखिया के साथ ऐसा करना गलत, जब अमेरिका को नरेंद्र मोदी ने सुना दिया था
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले पॉडकास्ट इंटरव्यू (PM Modi Podcast Interview) की चर्चा पूरे देश में हो रही है. निखिल कामथ को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अपने जीवन के कई पहलुओं को देश के सामने रखा. पीएम मोदी ने इस दौरान उनका अमेरिका का वीजा कैंसिल होने पर भी बात की. साथ ही अन्य मुद्दों पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि लोग मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस का अर्थ गलत समझते हैं. सरकारी विभागों द्वारा किए जाने वाले काम की स्पीड बढ़ाने के लिए कोशिश जरूरी है. यही वजह है कि उन्होंने कौशल, सहकारिता और मत्स्य पालन के लिए अलग-अलग मंत्रालय बनाए हैं.

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"जब अमेरिका ने मेरा वीजा कर दिया था कैंसिल"

दुनियाभर में भारत की धारणा कैसे बदली है, इस पर पीएम मोदी ने उस दिन को याद किया जब उन्होंने कहा था कि एक दिन आएगा जब दुनिया भारतीय वीजा के लिए कतार में खड़ी होगी.

सीएम पद पर रहते अमेरिका ने मुझे वीजा देने से इनकार कर दिया था. मैंने तब कहा था कि एक चुनी हुई सरकार के मुखिया के साथ ऐसा करना गलत और अलोकतांत्रिक है. मैंने उस दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि एक दिन दुनिया भारतीय वीजा के लिए कतार में खड़ी होगी. मैने ये साल 2005 में का था. यह 2025 है. मैं देख सकता हूं कि यह भारत का समय है.

पीएम मोदी

प्रधानमंत्री, भारत

पीएम मोदी ने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से कहते थे कि अगर एनआरआई भारत वापस नहीं आते हैं तो उनको पछतावा होगा, क्यों कि दुनिया बदल रही है.

मैक्सिमम गवर्नेंस का मतलब समझिए

 जीरोधा के को-फाउंड निखिल कामथ के साथ शुक्रवार को जारी पॉडकास्ट इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा," सरकार ने विभिन्न विभागों में काम की स्पीड को बढ़ाने के लिए 40,000 कंप्लायंसिस हटा दिए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हम अक्सर मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस के कॉन्सेप्ट को गलत समझते हैं. कुछ लोग मानते हैं कि मिनिमम गवर्नमेंट का मतलब कम मंत्री और कम कर्मचारी हैं. हालांकि, यह मेरी समझ नहीं है. मैंने कौशल, सहकारिता और मत्स्य पालन के लिए अलग-अलग मंत्रालय बनाए. पीएम मोदी ने कहा कि जब ​​मैं मिनिमम गवर्नमेंट  कहता हूं... तो मेरा मतलब है कि हमने काम की स्पीड बढ़ाने के लिए 40,000 कंप्लायंसिस हटा दिए. वरना विभिन्न विभाग एक ही चीज की मांग करेंगे. अगर ये एक विभाग के पास है, तो इसका उपयोग सभी के लिए हो."

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भारत ने दुनिया को दिखा दिया...

पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने 1,500 पुराने कानून खत्म कर दिए. ऐसे कानूनों को बदला गया है जो कुछ चीजों को आपराधिक बनाते थे. यह उनका मिनिमम गवर्नमेंट  और मैक्सिमम गवर्नेंस का दृष्टिकोण है. वह ये सब होते हुए देख रहे हैं. दुनिया भर में भारत की तकनीकी स्थिति पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत को प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करने में कामयाबी मिली है और दुनिया को सिखाया है कि यह इसे कैसे किया जाता है.

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तकनीक का लोकतंत्रीकरण कैसे होता है?

पीएम मोदी ने कहा कि वह सिर्फ तीस सेकंड में 100 मिलियन किसानों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. वह 30 सेकंड में 13 करोड़ लोगों के लिए सिलेंडर सब्सिडी के लिए भी यही काम कर सकते हैं. भारत ने दुनिया को सिखाया है कि प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण कैसे किया जाता है. इसके लिए बस आपको एक मोबाइल की जरूरत है.  यह तकनीक से चलने वाली सदी है. सरकार ने एक इनोवेशन कमीशन और इनोवेशन फंड बनाया है. 

भारत को विकसित बनाने का वादा

पीए मोदी ने हाल ही में हुए उनके कुवैत दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वह वहां एक श्रमिक कॉलोनी में गए थे. एक श्रमिक ने उनसे पूछा कि भारत में मौजूद उसके जिले में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कब बनेगा. उन्होंने कहा कि यही आकांक्षा है जो 2047 में भारत को विकसित बनाएगी.

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"आज दुनिया को भारत पर भरोसा"

युद्ध और दुनिया भर में चल रहे संघर्ष के मुद्दे पर अपने रुख पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनका रुख न्यूट्रल नहीं है बल्कि वह शांति के पक्षधर हैं. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने मौजूदा समय में संघर्ष कर रहे देशों को जो सलाह दी है, उससे भारत की विश्वसनीयता बढ़ी है. पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत न्यूट्रल नहीं था बल्कि शांति का पक्षधर हैं. उन्होंने रूस, यूक्रेन, ईरान, फिलिस्तीन और इजरायल से भी यही कहा. ये देश भारत पर भरोसा करते हैं. यही वजह है कि भारत की साख बढ़ी है.दुनिया को हमारी बातों पर भरोसा है.

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