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This Article is From May 16, 2017

अब मध्य प्रदेश में भी फसल के कचरे को जलाने पर लगी रोक, लगेगा जुर्माना

मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पालन करते हुए खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने पर रोक लगा दी गई है. जो भी व्यक्ति या संस्था इस निर्देश का उल्लंघन करेगी, उससे पर्यावरण की क्षतिपूर्ति के एवज में जुर्माना वसूला जाएगा. 

अब मध्य प्रदेश में भी फसल के कचरे को जलाने पर लगी रोक, लगेगा जुर्माना
खेतों में फसल के कचरे को जलाना एक बड़ी गंभीर समस्या बनती जा रही है
भोपाल: हार्वेस्टर से धान और गेंहू की कटाई के बाद खेत में फसल का पुआल खड़ा रह जाता है. किसान खेत को अगली फसल के लिए खाली करने के लिए इस पुआल में आग लगा देते हैं. बड़े पैमाने पर खेतों में फसल के कचरे में आग लगाने से वातावरण में धुंध की परत जमा हो जाती है.

मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पालन करते हुए खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने पर रोक लगा दी गई है. जो भी व्यक्ति या संस्था इस निर्देश का उल्लंघन करेगी, उससे पर्यावरण की क्षतिपूर्ति के एवज में जुर्माना वसूला जाएगा. 

राज्य के कृषि कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा ने राज्य के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एनजीटी के निर्देशों पर आधारित नोटीफिकेशन का जिक्र करते हुए जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर फसल कटाई के बाद खासकर धान और गेहूं के खेतों में आग लगाने को प्रतिबंधित कर दिया है. राजौरा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति या निकाय इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा, उसे पर्यावरण क्षतिपूर्ति के एवज में जुर्माना देना होगा. 

पर्यावरण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजीव शर्मा द्वारा जारी नोटीफिकेशन में कहा गया है कि फसल कटाई के बाद खेतों में आग लगाने से जहां पर्यावरण को नुकसान होता है, वहीं बीमारियों का भी खतरा रहता है. विभाग ने तय किया है कि इस पर रोक लगाई जाए, इसका उल्लंघन करने पर दो एकड़ से कम के खेत में आग लगाने पर ढ़ाई हजार, दो से पांच एकड़ तक पर पांच हजार और पांच एकड़ से ज्यादा के खेत के मालिक पर 15 हजार का जुर्माना वसूला जाएगा. 

बता दें कि हार्वेस्टर से गेहूं या धान की फसल की कटाई के बाद खेतों में किसान आग लगा देते हैं. इससे पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान होता है.

पंजाब और हरियाणा में इस पर पहले से ही रोक लगी हुई है. उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान की सरकारों ने भी इस पर जुर्माना लगाया हुआ है. लेकिन इन आदेशों का पालन कहीं नहीं किया जाता. धान की कटाई के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों के वारावरण में घुंध की परत जमा हो जाती है, जिससे बच्चों और बूढ़ों को काफी तकलीफ होती है. हर साल इस मुद्दे को लेकर खूब हंगामा होता है, लेकिन कार्रवाई कहीं नहीं होती. दिल्ली और आसपास के खेतों में धान के पुआल में किसानों को आग लगाते हुए खुलेआम देखा जा सकता है. इससे प्रदूषण के साथ खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों को नुकसान होता है. 

(इनपुट आईएएनएस से भी)

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