
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार (फाइल फोटो).
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सरकार का दावा- यूपीए के दौर में जीडीपी वह नहीं थी जो बताई गई थी
2005-06 के बीच विकास दर 8 फ़ीसदी से ऊपर नहीं, 6.7 फ़ीसदी रही
नीति आयोग ने कहा- कमेटी के पिछले आंकड़ों पर भरोसा न करें
नीति आयोग और सांख्यिकी मंत्रालय के जारी आंकड़ों पर भरोसा करें तो यूपीए के दौर में जीडीपी वह नहीं थी जो बताई गई थी. बुधवार को जारी नए आंकड़ों के मुताबिक 2005-06 के बीच जिस विकास दर को 8 फ़ीसदी से ऊपर माना जा रहा था, वह दरअसल 6.7 फ़ीसदी रही है.
जीडीपी विकास दर में बदलाव
2005-06 : 9.3% से घटाकर 7.9%
2006-07 : 9.3% से घटाकर 8.1%
2007-08 : 9.8% से घटाकर 7.7%
2008-09 : 3.9% से घटाकर 3.1%
2009-10 : 8.5% से घटाकर 7.9%
2010-11 : 10.3% से घटाकर 8.5%
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा, हमने नई मेथोडोलोजी का इस्तेमाल किया है जो पुरानी मेथोडोलोजी से बेहतर है.
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लेकिन सवाल है, महज 4 महीनों में ये अंतर कैसे आ गया? नए आंकड़े बताते हैं कि अगर यूपीए के दस सालों में विकास दर 6.7 फ़ीसदी सालाना रही तो मोदी सरकार के 4 साल में औसतन 7.3% रही. नीति आयोग का कहना है, कमेटी के पिछले आंकड़ों पर भरोसा न करें. राजीव कुमार ने कहा - इन आंकड़ों के National Statistical Commission की कमेटी के आंकड़ों के हिसाब से मत देखिए.
VIDEO : किसका साथ, किसका विकास
पिछली बार जब 2011-12 बेस इयर के आधार पर नेशनल स्टेटिस्टिकल कमिशन ने अगस्त में आंकड़े जारी किए थे तब कांग्रेस ने दावा किया था कि यूपीए के शासन काल में औसत आर्थिक विकास दर एनडीए से बेहतर रही. अब नीति आयोग और सांख्यिकी मंत्रालय ने जिस तरह से आंकड़ों को बदल दिया है उससे इस मसले पर राजनीति फिर तेज़ होना तय है.
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