विमान अपहरण करने वालों को मृत्युदंड और मिसाइल की तरह इस्तेमाल किए जाने की आशंका वाले विमान को मार गिराने का सुरक्षा बलों को अधिकार देने के प्रावधानों वाले एक विधेयक को संसद के अगले सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
नागर विमाननमंत्री पी अशोक गजपति राजू ने बुधवार को बताया कि नागर विमानन और कानून मंत्रालय काफी समय से प्रतीक्षारत विमान अपहरण निरोधक (संशोधन) विधेयक पर नए सिरे से गौर कर रहे हैं ताकि इस कानून को आधुनिक अंतरराष्ट्रीय विधानों और संकल्पों के अनुरूप बनाया जा सके। प्रस्तावित विधेयक के जरिये 1982 के मूल कानून में संशोधन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'राज्यसभा में पहले ही एक विधेयक (2010 में) पेश हो चुका था। उसके बाद से विमान अपहरण की परिभाषा वैश्विक तौर पर बदल चुकी है। लिहाजा, विश्वभर में हुए इन बदलावों और चलनों के अनुरूप एक मसौदा तैयार किया गया है और प्रक्रिया चल रही है।'
राजू ने कहा, 'हम केन्द्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष यह (नया) विधान ले जाएंगे। एक बार कैबिनेट की मंजूरी मिल जाए तो हम नए विधेयक पेश करेंगे और पुराने को वापस ले लेंगे।' उन्होंने सवालों के जवाब में कहा, 'अगले सत्र में हम इसे पारित करवाने की स्थिति में होंगे।'
कंधार विमान अपहरण के करीब 15 साल बाद सरकार अत्याधुनिक वैश्विक विमान अपहरण निरोधक कानूनों को शामिल करने जैसे मुद्दों पर काम कर रही है तथा भारतीय कानून को संयुक्त राष्ट्र निकाय अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के बीजिंग प्रोटोकाल के अनुरूप बनाने का प्रयास कर रही है।
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