पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पर्यावरण के नियमों से खतरनाक खिलवाड़ कर रही है। एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत में रमेश ने कहा, "सरकार पर्यावरण से जुड़े कानूनों में फेरबदल की जो कोशिश कर रही है, उससे मैं बहुत चिंतित हूं... सरकार की बनाई टीएसआर सुब्रह्मण्यम कमेटी ने जो सिफारिशें की हैं, उन्हें लागू करना खतरनाक होगा... अगर कानूनों में इस कमेटी के सुझावों के आधार पर बदलाव हुए तो आप पर्यावरण को भूल जाइए, वन संरक्षण को भूल जाइए, ग्राम सभाओं को भूल जाइए और आदिवासियों के हितों को भूल जाइए..."
गौरतलब है कि सरकार ने इसी साल पूर्व ब्यूरोक्रेट टीएसआर सुब्रमण्यम की अगुवाई में एक कमेटी गठित की थी, जिसने पर्यावरण कानूनों में भारी फेरबदल और बदलाव करने की सिफारिश की। उल्लेखनीय है कि सरकार पर्यावरण से जुड़े कानूनों में बदलाव के लिए बजट सत्र में ही बिल लाने जा रही है। इस पर एनडीटीवीख़बर.कॉम पर हम आपको लगातार विस्तार से खबर देते रहे हैं।
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जयराम रमेश ने कहा कि सरकार की बनाई सुब्रमण्यम कमेटी में जो लोग हैं, उन्हें ज़मीनी हकीकत का पता नहीं है और उन्होंने दिल्ली में बैठकर ही सारे पर्यावरण कानूनों में फेरबदल की सिफारिश कर दी है। रमेश ने कहा, "हर कानून संसद में लंबी बहस के बाद बना है और उसका ऐतिहासिक संदर्भ है... मिसाल के तौर पर पर्यावरण को बचाने के लिए कानून भोपाल गैस त्रासदी के बाद बना था और वन संरण कानून 'चिपको आंदोलन' के बाद बनाया गया... सरकार इन कानूनों को एक अनुभवहीन कमेटी की सिफारिशों पर नहीं बदल सकती..."
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