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उद्धव की शर्त पर राजी नहीं कांग्रेस! क्या महाराष्ट्र में बिखर जाएगा विपक्षी गठबंधन, निकाय चुनाव को लेकर महाभारत तेज

BMC चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मियां तेज हैं. उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है. 

उद्धव की शर्त पर राजी नहीं कांग्रेस! क्या महाराष्ट्र में बिखर जाएगा विपक्षी गठबंधन, निकाय चुनाव को लेकर महाभारत तेज

मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों की तैयारी में महाविकास अघाड़ी (MVA) में फूट पड़ती नजर आ रही है. शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज ठाकरे के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है. 

कांग्रेस का कहना है कि राज ठाकरे के साथ गठजोड़ उनकी पारंपरिक वोट बैंक यानी उत्तर भारतीयों और अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाएगा. उद्धव ठाकरे कांग्रेस को मनाने के लिए दिल्ली में हाईकमान के संपर्क में हैं और तर्क दे रहे हैं कि विपक्ष का बंटवारा बीजेपी को फायदा पहुंचाएगा, लेकिन फिलहाल MVA का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है.

जनवरी में होने हैं BMC चुनाव

जनवरी 2026 में होने वाले BMC चुनाव शिवसेना (UBT) के लिए अस्तित्व का सवाल हैं. 1995 से BMC पर शिवसेना का कब्जा है, जो पार्टी को आर्थिक और राजनीतिक ताकत देता रहा है. 2024 विधानसभा चुनावों में MVA की करारी हार के बाद उद्धव के लिए यह आखिरी मौका है 'ठाकरे ब्रांड' को बचाने का. 

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बता दें कि उद्धव की राज ठाकरे से नजदीकी जुलाई 2025 से बढ़ी है, जब दोनों ने एक रैली में मंच साझा किया और 'मराठी मानूस' के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई थी. 

ठाकरे ब्रदर्स की बढ़ती नजदीकियां

सितंबर में उद्धव ने राज के दादर स्थित निवास पर राजनीतिक चर्चा की, जहां BMC गठबंधन पर बात हुई. MNS नेता दिनकर पाटिल ने नवंबर में नासिक लोकल बॉडी चुनावों के लिए MVA के साथ गठबंधन का ऐलान किया, लेकिन कांग्रेस ने इसे खारिज कर दिया. कांग्रेस का रुख सख्त है. 15 नवंबर को महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने मुंबई कांग्रेस की बैठक में ऐलान किया कि पार्टी BMC की 227 सीटों पर अकेले लड़ेगी. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने गठबंधन को लेकर शरद पवार से भी मुलाकात की, जहां गठबंधन को बनाए रखने की कोशिश की गई, लेकिन MNS को शामिल करने पर असहमति बनी रही. 

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उद्धव ठाकरे ने 16 नवंबर को कहा, 'कांग्रेस अपना फैसला ले सकती है, हम भी लेंगे.' लेकिन उनके गुट के नेता वर्षा गायकवाड़ से मिले और MVA को एकजुट रखने की अपील की. उद्धव का तर्क है, 'अगर हम बंट गए, तो दोनों हार जाएंगे. बीजेपी को जवाब देने के लिए विपक्ष का एक होना जरूरी है.'  

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