उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से सांसद रितेश पांडे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. बता दें कि वो पहले बहुजन समाज पार्टी से सांसद थे. उन्होंने रविवार सुबह ही बीएसपी से इस्तीफा दे दिया था. रितेश पांडे ने इस्तीफा देने के बाद बीएसपी पर आरोप लगाया था कि उन्हें न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही नेतृत्व के स्तर पर कोई संवाद किया जा रहा था. उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसा लगने लगा है कि पार्टी को अब उनकी आवश्यकता नहीं है और इस वजह से उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है.
रविवार दोपहर को रितेश पांडे ने दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में सभी के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता वहां पर मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि रितेश पांडे काफी समय से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में भी थे.
रितेश पांडे के बसपा से इस्तीफा देने को लेकर पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बगैर नाम लिए उनपर निशाना साधा था. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट कर अपनी बात रखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि "बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है."
1. बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है।
— Mayawati (@Mayawati) February 25, 2024
उन्होंने आगे लिखा, "अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?"
2. अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जाँचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?
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मायावती ने आखिरी पोस्ट में लिखा, "ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं. मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि."
3. ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।
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बता दें कि रितेश पांडे के पिता राकेश पांडे, जलालपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं.
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