कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में 22 बागी विधायकों में से 13 ने आश्वस्त किया है कि ‘वे कांग्रेस छोड़कर नहीं जा रहे हैं.' साथ ही उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को विश्वास मत जीतने का भरोसा है और, ‘हम चुप नहीं रहे, हम सो नहीं रहे हैं.' इसके अलावा उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश में उपमुख्यमंत्री के पद की पेशकश की गई लेकिन वह अपने नामित व्यक्ति को इस पद पर चाहते थे, कमलनाथ ने ‘चेला' स्वीकार करने से इनकार कर दिया. सिंधिया राज्यसभा के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते थे लेकिन अति महत्वाकांक्षी नेता को ‘केवल मोदी-शाह' मंत्री पद दे सकते हैं.
वहीं, मध्यप्रदेश में सकंटग्रस्त कांग्रेस सरकार को बचाने के प्रयासों के तहत कांग्रेस ने अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए बुधवार को उन्हें विशेष विमान से कांग्रेस शासित राजस्थान की राजधानी जयपुर भेज दिया है. मुख्यमंत्री निवास पर जमा होने के बाद कांग्रेस के विधायक तीन बसों में भोपाल के हवाई अड्डे पर पहुंचे और बाद में विशेष विमान से जयपुर के लिए रवाना हो गए.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के विश्वासपात्र मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि हम अपने विधायकों के साथ जयपुर जा रहे हैं. वहां हम एक साथ रहेंगे.
वर्मा ने कहा कि जयपुर के बाद वह खुद बेंगलुरु भी जायेंगे और वहां ठहरे हुए कांग्रेस के विधायकों से बात करेंगे. उन्होंने दावा किया कि इन विधायकों को गुमराह करके बेंगलुरु ले जाया गया है और इनसे त्यागपत्र लिए गए हैं जबकि इनकी रगों में बरसों से कांग्रेस का खून दौड़ रहा है. इसलिये केवल अपने नेता (सिंधिया) की महत्वकांक्षा के लिए ये विधायक यूं अचानक अपनी राजनीतिक आस्था नहीं बदल सकते.
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी के विधायकों के साथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी जयपुर रवाना हुए हैं. हालांकि कांग्रेस सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्री और विधायक रणनीति बनाने के लिए यहीं रुके हैं.
एक अन्य मंत्री कमलेश्वर पटेल ने हवाई अड्डे पर मीडिया से कहा, ‘हम अपना बहुमत साबित करेंगे. हम जयपुर जा रहे हैं, वहां हम साथ बैठकर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले भी ऐसा हो चुका है.'
एक अन्य मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा, ‘‘वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में उत्पन्न हुए तनाव को दूर करने के लिए कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ जयपुर घूमने जा रहे हैं. यहां :हवाई अड्डे पर: हम 95 विधायक हैं और हम अपना बहुमत साबित करेंगे.' उन्होंने निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों का भी सरकार को समर्थन हासिल होने का दावा किया.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 19 विधायकों के बेंगलुरु में ठहरने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इनमें से 10 से 12 विधायक शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस को समर्थन करेंगे क्योंकि इन्हें गुमराह करके वहां ले जाया गया है. उन्होंने दावा किया कि पार्टी के नेता बेंगलुरु में ठहरे इन विधायकों से संपर्क में हैं. कांग्रेस ने विधायकों को जयपुर भेजने का कदम सिंधिया और उनके 21 समर्थकों के मंगलवार को कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद उठाया है. सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद 15 माह पुरानी कमलनाथ सरकार गिरने की कगार पर आ गई है और अब कांग्रेस कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है.
वहीं दूसरी ओर भाजपा के एक नेता ने बताया कि भाजपा ने भी अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए भोपाल में मंगलवार शाम को विधायक दल की बैठक के तुरंत बाद रात को ही विशेष विमान से भोपाल से रवाना कर हरियाणा के मानेसर भेज दिया है.
कांग्रेस के बागी विधायकों के त्यागपत्र से पहले प्रदेश कांग्रेस 114 विधायकों की संख्या के साथ कमजोर बहुमत पर खड़ी थी. राज्य में फिलहाल विधानसभा की कुल 228 सीटें हैं. कांग्रेस सरकार को चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का भी समर्थन हासिल है. लेकिन ताजा राजनीतिक हालात के मद्देनजर इनमें से कुछ विधायकों के भाजपा की ओर जाने की भी आशंका है. प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 107 है.
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