दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के कुलपति दिनेश सिंह के प्रतिरोध को दरकिनार करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आज डीयू से कहा कि वह विवादित चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) खत्म कर तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम फिर से शुरू करे, जिसे ज्यादातर कॉलेज मान चुके हैं।
यूजीसी ने ऐसे दिन अपने आदेश को दोहराया जब डीयू के मीडिया समन्वयक मलय नीरव ने मीडियाकर्मियों को एक एसएमएस भेजा जिसमें लिखा था, 'कुलपति ने इस्तीफा दे दिया है।' हालांकि, कुलपति के समर्थकों ने बाद में इस खबर को नकार दिया।
डीयू प्राचार्य संघ द्वारा दाखिले की प्रक्रिया टालने की घोषणा के एक दिन बाद यूजीसी ने आज कहा कि यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी 64 कॉलेजों में से 57 ने कहा है कि वे तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम में दाखिले शुरू करने के उसके निर्देश का पालन करेंगे। यूजीसी के मुताबिक, जिन 57 कॉलेजों ने निर्देश मानने पर सहमति दी है, उनमें डीयू के प्रतिष्ठित कॉलेज भी हैं।
प्रेस विज्ञप्ति में उन कॉलेजों के नाम भी लिखे थे, जिन्होंने तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू करने पर अपनी सहमति दी है। इनमें हिंदू कॉलेज, जीसस एंड मेरी कॉलेज, सेंट स्टीफंस, मिरांडा हाउस, श्री वेंकटेश्वर, लेडी श्री राम कॉलेज और श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स शामिल हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चली छह घंटे की चर्चा के बाद यूजीसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'आज यूजीसी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को एक और पत्र भेजकर कहा है कि वह तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम में छात्रों के दाखिले के लिए दिल्ली के कॉलेजों को पत्र जारी करे।'
इस बीच, कुलपति के इस्तीफे की खबरें फैलने के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्र और एफवाईयूपी का विरोध करने वाले शिक्षक ढोल-नगाड़े पर झूमे और आपस में मिठाइयां बांटी। हालांकि, बाद में कुलपति के समर्थकों ने दावा किया कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। कुलपति के समर्थकों द्वारा उनके इस्तीफें की खबरें नकारने के बाद मीडिया समन्वयक से संपर्क नहीं हो सका। कुलपति से तो पूरे दिन संपर्क करने की कोशिश की जाती रही पर उनसे भी बात नहीं हो सकी। (पढ़ें- डीयू वीसी के इस्तीफे पर असमंजस की स्थिति)
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