ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने भारत के स्टेटस को 'ओवरवेट' में बदल दिया है क्योंकि उसका मानना है कि देश का सुधार और मैक्रो-स्थिरता एजेंडा एक मजबूत केपेक्स और प्रॉफिट आउटलुक को सपोर्ट करता है. ओवरवेट रेटिंग का मतलब है कि कंपनी को उम्मीद है कि भविष्य में भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन करेगी. अमेरिका द्वारा एएए दर्जा खोने और चीन में आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में ये अपग्रेड किया गया है.
फर्म ने कहा, भारत के मैक्रो संकेतक लचीले बने हुए हैं और अर्थव्यवस्था 6.2% जीडीपी पूर्वानुमान हासिल करने की राह पर है.
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने कहा, "भारत हमारी प्रक्रिया में 6 से 1 पर पहुंच गया है, रिलेटिल वेलुएशन अक्टूबर की तुलना में कम चरम पर है, और मल्टीपोलर वर्ल्ड डायनेमिक्स का लाभ उठाने की भारत की क्षमता एक महत्वपूर्ण लाभ है."
रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत यकीनन एक लंबी लहर की शुरुआत में है, जबकि चीन एक लंबी लहर को समाप्त कर सकता है." फर्म ने चीनी शेयरों पर अपनी रेटिंग में भी कटौती करते हुए कहा कि निवेशकों को मुनाफा कमाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन प्रतिज्ञाओं से प्रेरित रैली का लाभ उठाना चाहिए.
विकास को बढ़ावा देने और देश के प्रमुख निजी क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के बीजिंग के कई वादों के बीच हाल के दिनों में चीनी संपत्तियों को बढ़ावा मिला है. लेकिन बैंक के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में लिखा कि आसान उपाय टुकड़ों में किए जाने की संभावना है, जो शेयरों में बढ़त बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है.
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