इस साल मॉनसून अनियमित रहा है. इसका सबसे ज्यादा असर अगस्त महीने में दिखा जब देश में अब तक की सबसे कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. सूत्रों के मुताबिक अगस्त महीने में औसत से करीब 30 फीसदी तक कम बारिश होने की आशंका है. मिनिस्ट्री ऑफ़ अर्थ साइंसेज के सचिव डॉ एम रविचंद्रन ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि पूरे दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान इस साल बारिश मई में अनुमानित औसत के 96% से 2 से 3 प्रतिशत तक कम रह सकती है, लेकिन यह सामान्य श्रेणी में ही रहेगी.
दक्षिण पश्चिम मॉनसून सीजन के दौरान अगस्त महीने में अब तक की सबसे कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. डॉ एम रविचंद्रन ने कहा, बारिश के दृष्टिकोण से अगस्त महीना अब तक के सबसे शुष्क महीनों में से एक रहा है और इसकी सबसे अहम वजह अलनीनो (El Nino) फैक्टर है.
अगस्त 2023 अब तक के सबसे शुष्क महीनों में से एक
डॉ एम रविचंद्रन ने कहा, "सामान्य से बहुत कम वर्षा दर्ज होने के कारण अगस्त 2023 अब तक के सबसे शुष्क महीनों में से एक है. अगस्त में मॉनसून वर्षा में उल्लेखनीय गिरावट अल नीनो कारक के कारण है. हमने संभावित अल नीनो प्रभाव के कारण अगस्त में कम सामान्य मॉनसून का पूर्वानुमान लगाया था. कुल मिलाकर हमें उम्मीद है कि मॉनसून की बारिश में लंबी अवधि के औसत के 96 प्रतिशत से 2 से 3 तीन फीसदी कम होगी, जिसका हमने मई 2023 में अनुमान लगाया था, लेकिन यह अभी भी सामान्य श्रेणी में रहेगी.
एक जून से 29 अगस्त के बीच औसत से 9 प्रतिशत कम बारिश
इस साल दक्षिण पश्चिम मॉनसून सीजन के दौरान एक जून से 29 अगस्त के बीच औसत से 9 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. इनसेट-3डी सैटेलाइट से ली गई ताजा तस्वीरों में सिर्फ पूर्वी भारत के कुछ तटीय इलाकों और तमिलनाडु के ऊपर कुछ बादल दिख रहे हैं जबकि देश के अधिकतर हिस्सों में बादल नहीं दिख रहे हैं. यही पैटर्न लगभग पूरे अगस्त में रिकॉर्ड किया गया है.
मौसम विभाग के मुताबिक कमजोर बारिश की वजह से केरल में एक जून से 30 अगस्त के बीच मॉनसून की बारिश औसत से 48% कम रिकॉर्ड की गई है जो देश में सबसे कम है. झारखंड में औसत से 36% कम और कर्नाटक में औसत से 21% कम बारिश रिकॉर्ड की गई है.
बिहार में औसत से 26% कम बारिश हुई
उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश औसत से 15% कम और पश्चिम बंगाल में औसत से 13% कम रही. बिहार में औसत से 26% कम बारिश हुई जबकि महाराष्ट्र में बारिश औसत से 11% कम रही.
मौसम भवन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नरेश कुमार ने NDTV से कहा,"पूर्वी भारत के राज्यों में ज्यादा कमी रिकॉर्ड की गई है. हमारा पूर्वानुमान है कि दो सितम्बर से पूर्वी भारत में सुधार होगा और बारिश में जो कमी दर्ज़ की गई है वह कुछ कम होगी. हालांकि कमी काफी ज़्यादा है."
जाहिर है, इस साल मॉनसून अनियमित रहा है जिस वजह से कहीं आम लोगों को आपदा झेलनी पड़ी तो कहीं किसान पानी की किल्लत से जूझने को मज़बूर हैं.
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