प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
देश के पश्चिम तटीय इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने आज समय से पहले दस्तक दे दी. बंगाल की खाड़ी के उत्तरी क्षेत्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण इन इलाकों में मानसून अधिक सक्रिय हुआ. गोवा में गुरुवार को मानसून आ जाएगा जिससे यहां के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है. मौसम विभाग ने सात से 11 जून तक महाराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना जताई है. केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में बारिश से नदियों में अचानक बाढ़ आने की आशंका है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दक्षिणी कर्नाटक के अंदरूनी इलाकों, रायलसीमा के अधिकांश हिस्सों, दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों और बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो गया है. अगले 24 घंटों में इसके और अधिक सक्रिय होने की संभावना को देखते हुए विभाग ने गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा ओडिशा के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंचने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. इसके कारण गुरुवार से 12 जून तक तटीय कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में मुंबई सहित राज्य के दक्षिणी तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
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मौसम विभाग ने मध्य-पूर्व अरब सागर में कोंकण और गोवा तट पर आठ से 12 जून तक 40 से 60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की आशंका को देखते हुए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तरी क्षेत्रों में आठ जून को हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और मेघालय में भी आठ से 11 जून के बीच भारी बारिश की संभावना है. इसके मद्देनजर मौसम विभाग ने नौ से दस जून तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की है.
दक्षिण-पश्चिम मानसून गुरुवार को गोवा में दस्तक दे सकता है. तटीय राज्य के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है. भारतीय मौसम विभाग के गोवा ऑब्जर्वेटरी के निदेशक एमएल साहू ने कहा, ‘‘मानसून पहले ही उत्तरी कर्नाटक पहुंच गया है और वह गोवा की ओर बढ़ रहा है. अगले 24 घंटे में इसके तटीय राज्य में पहुंचने की संभावना है.’’ उन्होंने बताया कि केरल में 29 मई को ही दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी थी और 31 मई को यह कर्नाटक के शिराली में पहुंचा. मानसून की जद में कोंकण क्षेत्र और पूरा महाराष्ट्र आएगा. गोवा में हर साल 2500 मिलीमीटर बारिश होती है.
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साहू ने कहा, ‘‘इस साल के अनुमान के मुताबिक, मानसून का क्षेत्रीय औसत 95 फीसद रहने की संभावना है जिसका मतलब है कि सामान्य बारिश होगी.’’उन्होंने बताया कि गोवा में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होगी जबकि राज्य के ज्यादातर इलाकों में अगले पांच दिन में मानसून का असर देखने को मिलेगा. गोवा ने मानसून का सटीक अनुमान लगाने के लिए पिछले साल अप्रैल में डोपलर रडार लगाया था जिसकी दूरी 400 किलोमीटर तक की है.
भारतीय मौसम विभाग ने सात से 11 जून तक महाराष्ट्र, विशेष रूप से तटीय कोंकण क्षेत्र, में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान किया है. रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों में सात और आठ जून को बहुत बारिश की संभावना जताई गई है. रत्नागिरि, सिंधुदुर्ग, मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिलों में नौ जून को बहुत भारी बारिश की संभावना है जबकि दस और ग्यारह जून को मुंबई और इसके आसपास के इलाकों सहित कोंकण क्षेत्र के छह जिलों में इसी तरह के मौसम का पूर्वानुमान लगाया गया है.
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शिमला से मिली खबर के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बुधवार को जमकर बारिश हुई जिससे तापमान में काफी कमी दर्ज की गई. मौसम विभाग ने सात से दस जून तक अगले चार दिन मध्य और निचली पहाड़ियों पर बारिश और ओलावृष्टि के साथ आंधी तूफान की चेतावनी दी है. सबसे अधिक बारिश सोलन (69 मिलीमीटर) में हुई जबकि जोगिंदरनगर में 50 मिलीमीटर बारिश हुई.
केंद्र सरकार ने देश के पश्चिमी तट पर स्थित पांच राज्यों केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात को आज आगाह किया कि इस हफ्ते होने वाली भारी बारिश के कारण अचानक से बाढ़ आ सकती है और पश्चिमी घाट से निकलने वाली नदियों का जलस्तर काफी बढ़ सकता है.
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जल संसाधन मंत्रालय ने एक परामर्श में कहा कि मौसम विभाग के एक अनुमान के मुताबिक सात से 12 जून के बीच कुछ जगहों पर भारी से भीषण बारिश और कोंकण एवं गोवा, मध्य महाराष्ट्र के दूरदराज के इलाकों में अति भीषण बारिश हो सकती है. गुरुवार को तटीय कर्नाटक में और नौ से 11 जून के बीच पूरे राज्य में जबकि नौ से 10 जून के बीच केरल में दूरदराज के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. इसमें कहा गया कि तापी एवं तादरी के बीच नदी के बेसिन में, गोदावरी एवं पश्चिम तट के पास उसकी सहायक नदियों, कृष्णा एवं पश्चिम तट के पास उसकी सहायक नदियों, कावेरी एवं पश्चिम तट के पास उसकी सहायक नदियों और तादरी एवं कन्याकुमारी के बीच नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है.
मुंबई में भीषण बारिश के पूर्वानुमान और दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण ज्वारीय लहरों के आगे बढ़ने के साथ महानगर के कुछ इलाकों के जलमग्न होने की आशंका है. परामर्श में चेतावनी दी गई कि बारिश के पूर्वानुमान के साथ पश्चिमी घाट से निकलने वाली और अरब सागर में मिलने वाली नदियों में अचानक बाढ़ आ सकते हैं. चूंकि अधिकतर नदियां सूखी पड़ी हैं, नदी की तलहटी में गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी एहतियाती उपाय किए जा सकते हैं क्योंकि (जल) प्रवाह में वृद्धि से अचानक लोग एवं सामान डूब सकते हैं.
VIDEO : मुंबई में तेज बरसात के आसार
बारिश के साथ आकाशीय बिजली भी कहर ढा रही है. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में आकाशीय बिजली गिरने से मां और दो बेटों की मौत हो गई. जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मानसून से पहले खेत में सफाई करने गए मां और दो पुत्रों पर मंगलवार को आकाशीय बिजली गिर गई. इस घटना में तीनों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय से लगभग 85 किमी दूर पसान थाना क्षेत्र के अंतर्गत सैला गांव निवासी इंद्रपाल गौड़ की पत्नी रानिया बाई (44 वर्ष) पांच जून को अपने पुत्रों तुलाचंद (20 वर्ष) और ईश्वर सिंह (15 वर्ष) के साथ खेत में सफाई कर रही थीं. जब तीनों खेत में थे तब दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव आया और गरज के साथ बारिश शुरू हो गई. बारिश से बचने के लिए तीनों खेत के समीप बरगद के पेड़ के नीचे जाकर खड़े हो गए. इस दौरान पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी तथा तीनों उसकी चपेट में आ गए. इस घटना में तीनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
(इनपुट एजेंसियों से)
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दक्षिणी कर्नाटक के अंदरूनी इलाकों, रायलसीमा के अधिकांश हिस्सों, दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों और बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो गया है. अगले 24 घंटों में इसके और अधिक सक्रिय होने की संभावना को देखते हुए विभाग ने गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा ओडिशा के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंचने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. इसके कारण गुरुवार से 12 जून तक तटीय कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में मुंबई सहित राज्य के दक्षिणी तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
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मौसम विभाग ने मध्य-पूर्व अरब सागर में कोंकण और गोवा तट पर आठ से 12 जून तक 40 से 60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की आशंका को देखते हुए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तरी क्षेत्रों में आठ जून को हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और मेघालय में भी आठ से 11 जून के बीच भारी बारिश की संभावना है. इसके मद्देनजर मौसम विभाग ने नौ से दस जून तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की है.
दक्षिण-पश्चिम मानसून गुरुवार को गोवा में दस्तक दे सकता है. तटीय राज्य के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है. भारतीय मौसम विभाग के गोवा ऑब्जर्वेटरी के निदेशक एमएल साहू ने कहा, ‘‘मानसून पहले ही उत्तरी कर्नाटक पहुंच गया है और वह गोवा की ओर बढ़ रहा है. अगले 24 घंटे में इसके तटीय राज्य में पहुंचने की संभावना है.’’ उन्होंने बताया कि केरल में 29 मई को ही दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी थी और 31 मई को यह कर्नाटक के शिराली में पहुंचा. मानसून की जद में कोंकण क्षेत्र और पूरा महाराष्ट्र आएगा. गोवा में हर साल 2500 मिलीमीटर बारिश होती है.
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साहू ने कहा, ‘‘इस साल के अनुमान के मुताबिक, मानसून का क्षेत्रीय औसत 95 फीसद रहने की संभावना है जिसका मतलब है कि सामान्य बारिश होगी.’’उन्होंने बताया कि गोवा में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होगी जबकि राज्य के ज्यादातर इलाकों में अगले पांच दिन में मानसून का असर देखने को मिलेगा. गोवा ने मानसून का सटीक अनुमान लगाने के लिए पिछले साल अप्रैल में डोपलर रडार लगाया था जिसकी दूरी 400 किलोमीटर तक की है.
भारतीय मौसम विभाग ने सात से 11 जून तक महाराष्ट्र, विशेष रूप से तटीय कोंकण क्षेत्र, में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान किया है. रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों में सात और आठ जून को बहुत बारिश की संभावना जताई गई है. रत्नागिरि, सिंधुदुर्ग, मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिलों में नौ जून को बहुत भारी बारिश की संभावना है जबकि दस और ग्यारह जून को मुंबई और इसके आसपास के इलाकों सहित कोंकण क्षेत्र के छह जिलों में इसी तरह के मौसम का पूर्वानुमान लगाया गया है.
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शिमला से मिली खबर के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बुधवार को जमकर बारिश हुई जिससे तापमान में काफी कमी दर्ज की गई. मौसम विभाग ने सात से दस जून तक अगले चार दिन मध्य और निचली पहाड़ियों पर बारिश और ओलावृष्टि के साथ आंधी तूफान की चेतावनी दी है. सबसे अधिक बारिश सोलन (69 मिलीमीटर) में हुई जबकि जोगिंदरनगर में 50 मिलीमीटर बारिश हुई.
केंद्र सरकार ने देश के पश्चिमी तट पर स्थित पांच राज्यों केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात को आज आगाह किया कि इस हफ्ते होने वाली भारी बारिश के कारण अचानक से बाढ़ आ सकती है और पश्चिमी घाट से निकलने वाली नदियों का जलस्तर काफी बढ़ सकता है.
यह भी पढ़ें : 9 घंटे की मूसलाधार बारिश से कर्नाटक बेहाल, पानी में फंसे स्कूली बच्चों को बोट के सहारे निकाला गया, रेड अलर्ट जारी
जल संसाधन मंत्रालय ने एक परामर्श में कहा कि मौसम विभाग के एक अनुमान के मुताबिक सात से 12 जून के बीच कुछ जगहों पर भारी से भीषण बारिश और कोंकण एवं गोवा, मध्य महाराष्ट्र के दूरदराज के इलाकों में अति भीषण बारिश हो सकती है. गुरुवार को तटीय कर्नाटक में और नौ से 11 जून के बीच पूरे राज्य में जबकि नौ से 10 जून के बीच केरल में दूरदराज के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. इसमें कहा गया कि तापी एवं तादरी के बीच नदी के बेसिन में, गोदावरी एवं पश्चिम तट के पास उसकी सहायक नदियों, कृष्णा एवं पश्चिम तट के पास उसकी सहायक नदियों, कावेरी एवं पश्चिम तट के पास उसकी सहायक नदियों और तादरी एवं कन्याकुमारी के बीच नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है.
मुंबई में भीषण बारिश के पूर्वानुमान और दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण ज्वारीय लहरों के आगे बढ़ने के साथ महानगर के कुछ इलाकों के जलमग्न होने की आशंका है. परामर्श में चेतावनी दी गई कि बारिश के पूर्वानुमान के साथ पश्चिमी घाट से निकलने वाली और अरब सागर में मिलने वाली नदियों में अचानक बाढ़ आ सकते हैं. चूंकि अधिकतर नदियां सूखी पड़ी हैं, नदी की तलहटी में गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी एहतियाती उपाय किए जा सकते हैं क्योंकि (जल) प्रवाह में वृद्धि से अचानक लोग एवं सामान डूब सकते हैं.
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बारिश के साथ आकाशीय बिजली भी कहर ढा रही है. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में आकाशीय बिजली गिरने से मां और दो बेटों की मौत हो गई. जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मानसून से पहले खेत में सफाई करने गए मां और दो पुत्रों पर मंगलवार को आकाशीय बिजली गिर गई. इस घटना में तीनों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय से लगभग 85 किमी दूर पसान थाना क्षेत्र के अंतर्गत सैला गांव निवासी इंद्रपाल गौड़ की पत्नी रानिया बाई (44 वर्ष) पांच जून को अपने पुत्रों तुलाचंद (20 वर्ष) और ईश्वर सिंह (15 वर्ष) के साथ खेत में सफाई कर रही थीं. जब तीनों खेत में थे तब दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव आया और गरज के साथ बारिश शुरू हो गई. बारिश से बचने के लिए तीनों खेत के समीप बरगद के पेड़ के नीचे जाकर खड़े हो गए. इस दौरान पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी तथा तीनों उसकी चपेट में आ गए. इस घटना में तीनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
(इनपुट एजेंसियों से)
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