केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद चाइनीज कंपनियों को नोटिस भेजा गया है.
नई दिल्ली:
भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने चाइनीज मोबाइल पर नजर टेढ़ी कर दी है. सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 21 मोबाइल निर्माता कंपनियों से पूछा है कि वे डेटा सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठा रही हैं. हालांकि इस संबंध में केंद्र सरकार ने जिन्हें नोटिस भेजा है, उनमें भारतीय मोबाइल कंपनियां भी शामिल हैं. नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सरकार डेटा लीक मामले में लापरवाही नहीं बर्दाश्त करेगी.
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केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में उपभोक्ताओं के डाटा लीक मामले पर चर्चा हुई. इसके बाद तय हुआ कि मोबाइल निर्माता कंपनियों से पूछा जाए कि आखिर वे डाटा की सुरक्षा के लिए हैंडसेट में क्या बदलाव किया है. बैठक में कहा गया कि डाटा लीक उपभोक्ताओं से जुड़ा एक संवेदनशील मामला है.
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ये चिंता व्यक्त की गई है कि डेटा बाहर के सर्वरों में भेजा जा सकता है, जिससे संवेदनशील जानकारी बाहर जा सकती है. कहा गया कि ऐसे में उपभोक्ताओं की निजता की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ सकते हैं. दोषी कंपनियों पर आईटी कानून के तहत कार्रवाई संभव है. सभी कंपनियों को आईटी कानून की धारा 70B(6) के तहत नोटिस दिया गया है.
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भारत में वीवो, शायोमी, जियोनी, लेनोवो और ओपो जैसी चीनी मोबाइल कंपनियां सक्रिय हैं. गौर करने वाली बात यह है कि भारत के स्मार्टफोन बाजार के 54 फीसदी हिस्से पर चीनी मोबाइल कंपनियों का कब्जा है. जिन 21 कंपनियों से रिपोर्ट मांगी गई उसमें सैमसंग और एप्पल भी शामिल हैं. घरेलू निर्माता माइक्रोमैक्स से भी पूछा गया है कि उसने उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा के लिए कौन सा कदम उठा रहे हैं.
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केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में उपभोक्ताओं के डाटा लीक मामले पर चर्चा हुई. इसके बाद तय हुआ कि मोबाइल निर्माता कंपनियों से पूछा जाए कि आखिर वे डाटा की सुरक्षा के लिए हैंडसेट में क्या बदलाव किया है. बैठक में कहा गया कि डाटा लीक उपभोक्ताओं से जुड़ा एक संवेदनशील मामला है.
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ये चिंता व्यक्त की गई है कि डेटा बाहर के सर्वरों में भेजा जा सकता है, जिससे संवेदनशील जानकारी बाहर जा सकती है. कहा गया कि ऐसे में उपभोक्ताओं की निजता की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ सकते हैं. दोषी कंपनियों पर आईटी कानून के तहत कार्रवाई संभव है. सभी कंपनियों को आईटी कानून की धारा 70B(6) के तहत नोटिस दिया गया है.
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