नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के मौजूदा स्वरूप को लेकर अपना असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में पंचायतों की भूमिका की अनदेखी की गई है और उसकी जगह नौकरशाही पर अधिक भरोसा जताया गया है।
राज्यसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा पर हिस्सा लेते हुए अय्यर ने कहा कि संविधान के 11वी अनुसूची में व्यवस्था है कि पीडीएस को पंचायती राज व्यवस्था के तहत लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीडीएस प्रणाली केवल उन्हीं राज्यों में सफल है जहां स्थानीय निकायों को सक्रिय भूमिका में रखा गया है।
खाद्य मंत्री केवी थॉमस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के संदर्भ में उनकी खाद्य मंत्री से मुलाकात भी हुई और उन्हें पत्र भी लिखा लेकिन उनके आश्वासन के बावजूद स्थानीय निकायों की भूमिका को स्पष्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के बावजूद विधेयक में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने खाद्य मंत्री से विधेयक पर चर्चा के दौरान इस अवसर का लाभ उठाते हुए उन प्रावधानों पर विचार करने को कहा जो पंचायतों और नगरपालिकओं की भूमिका की शिनाख्त करता है।
राज्यसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा पर हिस्सा लेते हुए अय्यर ने कहा कि संविधान के 11वी अनुसूची में व्यवस्था है कि पीडीएस को पंचायती राज व्यवस्था के तहत लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीडीएस प्रणाली केवल उन्हीं राज्यों में सफल है जहां स्थानीय निकायों को सक्रिय भूमिका में रखा गया है।
खाद्य मंत्री केवी थॉमस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के संदर्भ में उनकी खाद्य मंत्री से मुलाकात भी हुई और उन्हें पत्र भी लिखा लेकिन उनके आश्वासन के बावजूद स्थानीय निकायों की भूमिका को स्पष्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के बावजूद विधेयक में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने खाद्य मंत्री से विधेयक पर चर्चा के दौरान इस अवसर का लाभ उठाते हुए उन प्रावधानों पर विचार करने को कहा जो पंचायतों और नगरपालिकओं की भूमिका की शिनाख्त करता है।
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