प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:
प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह राज्य पर 2.74 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को पूरी तरह माफ कर दें।
बनर्जी ने शनिवार शाम राज भवन में बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को सौंपे गए एक पत्र में कहा, 'राज्य की आम जनता की वृद्धि, विकास और सशक्तीकरण के लिए मैं आपसे एकबार फिर अनुरोध करती हूं कि आप राज्य को पूर्ण कर्ज माफी दें, ताकि यह कर्ज के जाल से बच सके।' मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा, 'वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंत तक कुल कर्ज तकरीबन 2, 74,800.12 करोड़ रुपये होगा।'
यह पत्र उन्होंने आधे घंटे की बैठक के दौरान खुद अपने हाथों से प्रधानमंत्री को सौंपा। उन्होंने कहा, 'मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने के बाद 82,964.50 करोड़ का कर्ज लिया है। इसमें से 76346.78 करोड़ रुपये पिछली सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने की खातिर लिए गए।' उन्होंने कहा, 'राज्य की बेहद कर्ज के बोझ तले दबे होने की हालत के मद्देनजर पश्चिम बंगाल पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार द्वारा छोड़े गए कर्ज के बोझ के कारण रिण जाल में फंसा हुआ है।'
बनर्जी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए वित्तपोषण को बहाल करने की भी मांग की। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इसमें भारी कटौती की गई है। उन्होंने अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग की और राज्य और देश की आम जनता के हित में जल्द कार्रवाई करने का उनसे अनुरोध किया।
बनर्जी ने शनिवार शाम राज भवन में बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को सौंपे गए एक पत्र में कहा, 'राज्य की आम जनता की वृद्धि, विकास और सशक्तीकरण के लिए मैं आपसे एकबार फिर अनुरोध करती हूं कि आप राज्य को पूर्ण कर्ज माफी दें, ताकि यह कर्ज के जाल से बच सके।' मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा, 'वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंत तक कुल कर्ज तकरीबन 2, 74,800.12 करोड़ रुपये होगा।'
यह पत्र उन्होंने आधे घंटे की बैठक के दौरान खुद अपने हाथों से प्रधानमंत्री को सौंपा। उन्होंने कहा, 'मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने के बाद 82,964.50 करोड़ का कर्ज लिया है। इसमें से 76346.78 करोड़ रुपये पिछली सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने की खातिर लिए गए।' उन्होंने कहा, 'राज्य की बेहद कर्ज के बोझ तले दबे होने की हालत के मद्देनजर पश्चिम बंगाल पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार द्वारा छोड़े गए कर्ज के बोझ के कारण रिण जाल में फंसा हुआ है।'
बनर्जी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए वित्तपोषण को बहाल करने की भी मांग की। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इसमें भारी कटौती की गई है। उन्होंने अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग की और राज्य और देश की आम जनता के हित में जल्द कार्रवाई करने का उनसे अनुरोध किया।
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