लोकसभा नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक का फिर बहिष्कार किया.
नई दिल्ली:
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक का एक बार फिर बहिष्कार किया है. कांग्रेस नेता ने कहा है कि वह 'विशेष आमंत्रित सदस्य' के तौर पर इसमें शामिल नहीं हो सकते. खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, 'मैं इस साल 28 फरवरी, 10 अप्रैल और 18 जुलाई को लिखे अपने पत्रों की ओर आपका ध्यान खींचना चाहता हूं. इन पत्रों को मैंने लोकपाल चयन समिति की बैठकों में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल होने के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्रों का जवाब दिया था.'
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उन्होंने कहा, 'मेरे पहले के पत्रों के बावजूद सरकार मुझे विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बैठक में बुला रही है. ऐसा लगता है कि सरकार यह दिखाने के लिए ऐसा कर रही है कि विपक्ष लोकपाल अधिनियम के क्रियान्वयन में सहयोग नहीं कर रहा है.' खड़गे ने कहा कि संसद की प्रवर समिति ने कहा था कि लोकपाल अधिनियम में संशोधन किया जाए ताकि सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता बतौर सदस्य लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल हो सके. इसके बावजूद अब तक इस अधिनियम में संशोधन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इन हालात में वह बैठक में शामिल नहीं हो सकते.
VIDEO: लोकपाल समिति की बैठक में नहीं गए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 के तहत लोकसभा में विपक्ष का नेता ही चयन प्रक्रिया का सदस्य हो सकता है और चूंकि खड़गे को यह दर्जा हासिल नहीं है इसलिए वह इस पैनल में शामिल नहीं हैं. विपक्ष के नेता का दर्जा हासिल करने के लिए कम से कम 55 सीट अथवा लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का दस फीसदी सीट होना अनिवार्य है.
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उन्होंने कहा, 'मेरे पहले के पत्रों के बावजूद सरकार मुझे विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बैठक में बुला रही है. ऐसा लगता है कि सरकार यह दिखाने के लिए ऐसा कर रही है कि विपक्ष लोकपाल अधिनियम के क्रियान्वयन में सहयोग नहीं कर रहा है.' खड़गे ने कहा कि संसद की प्रवर समिति ने कहा था कि लोकपाल अधिनियम में संशोधन किया जाए ताकि सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता बतौर सदस्य लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल हो सके. इसके बावजूद अब तक इस अधिनियम में संशोधन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इन हालात में वह बैठक में शामिल नहीं हो सकते.
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लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 के तहत लोकसभा में विपक्ष का नेता ही चयन प्रक्रिया का सदस्य हो सकता है और चूंकि खड़गे को यह दर्जा हासिल नहीं है इसलिए वह इस पैनल में शामिल नहीं हैं. विपक्ष के नेता का दर्जा हासिल करने के लिए कम से कम 55 सीट अथवा लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का दस फीसदी सीट होना अनिवार्य है.
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