केंद्र के इस कदम के विरोध में सताना, मालेगांव और लासलगांव (नासिक जिले में), अहमदनगर और पुणे जिले के मंचर और खेड़ में किसानों ने मंडी के बाहर प्रदर्शन किया.
मुंडे के कैबिनेट सहयोगी छगन भुजबल ने कहा कि वह राज्य के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ प्याज निर्यात शुल्क का मुद्दा उठाएंगे.
भुजबल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनसे दिल्ली में अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा करने का अनुरोध करूंगा. हम उचित समाधान खोजने के लिए कदम उठाने की कोशिश करेंगे.''
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के एक नेता ने कहा कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरे प्रदेश में थोक बाजारों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि भाजपा-शिवसेना सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों की समर्थक है.
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार प्याज की कीमतें कम रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और उसे किसानों के हितों की कोई परवाह नहीं है. हम केंद्र सरकार के इस फैसले (प्याज पर निर्यात शुल्क लगाना) की निंदा करते हैं.''
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप जगताप ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार का किसान विरोधी रुख एक बार फिर सामने आया है. महाराष्ट्र में किसान प्याज के निर्यात से अच्छे लाभ की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन लगाए गए शुल्क से अब यह संभव नहीं होगा. इससे घरेलू बाजार में कीमतें गिर जाएंगी और किसानों को नुकसान होगा.''
उन्होंने सरकार पर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई और इससे बाजार में ताजा प्याज की आवक में देरी होगी.
जगताप ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य भर के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.''
अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में किसानों के एक समूह ने थोक बाजार में प्याज की बिक्री रोक दी है.
राहुरी में प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा, ‘‘केंद्र को हमारी परेशानियों पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि निर्यात शुल्क ने व्यापारियों को एक संदेश भेजा है कि प्याज की सारी फसल केवल घरेलू बाजारों में ही बेची जाएगी. व्यापारियों ने अब हमारी उपज के लिए कम कीमत बतानी शुरू कर दी है.''
एशिया के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगाव कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते प्याज की कीमतों में करीब 45 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई.
समिति के एक व्यापारी ने कहा, ‘‘दो हफ्ते पहले प्याज 1500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था और एक हफ्ते में ही यह 2200 रुपये तक पहुंच गया. अब कीमत कम होने लगी है, क्योंकि निर्यात लगभग असंभव हो गया है.''
ये भी पढ़ें :
* "जिस्म का पूरा खून निकाल लो लेकिन.." : महाराष्ट्र में किसानों का रुला रही प्याज, फसल जलाने को विवश किसान की CM से गुहार
* बिहार में नीतीश की सभा के दौरान फेंके गए प्याज, सीएम बोले-खूब फेंको, फेंकते रहो
* शरद पवार बोले, 'प्याज निर्यात के बैन पर पुनर्विचार करे केंद्र, पाकिस्तान और अन्य देशों को होगा इससे लाभ'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)