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चुनाव के पहले शिंदे सरकार का बड़ा फैसला, गाय को दिया गया राज्यमाता का दर्जा

राज्य के कृषि, डेरी विकास, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस कदम के पीछे अन्य कारकों में मानव पोषण में देशी गाय के दूध का महत्व, आयुर्वेदिक एवं पंचगव्य उपचार के लिए उपयोग और जैविक खेती में गाय के गोबर से बने खाद का इस्तेमाल शामिल है. 

चुनाव के पहले शिंदे सरकार का बड़ा फैसला, गाय को दिया गया राज्यमाता का दर्जा
मुंबई:

विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले महाराष्‍ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गाय को राज्‍यमाता का सम्‍मान दिया गया है. महायुती सरकार की तरफ से यह बड़ा फैसला लिया गया है. सोमवार को कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया. सरकार ने कहा, 'वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देसी गाय की स्थिति, मानव आहार में देसी गाय के दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति तथा जैविक कृषि प्रणालियों में देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र के महत्वपूर्ण स्थान को ध्यान में रखते हुए, देसी गायों को अब से "राज्यमाता गोमाता" घोषित करने की मंजूरी दी गई. 

राज्य के कृषि, डेरी विकास, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस कदम के पीछे अन्य कारकों में मानव पोषण में देशी गाय के दूध का महत्व, आयुर्वेदिक एवं पंचगव्य उपचार के लिए उपयोग और जैविक खेती में गाय के गोबर से बने खाद का इस्तेमाल शामिल है.  यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब राज्य विधानसभा चुनाव जल्द ही होने की संभावना है.

एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार का यह फैसला भारतीय समाज में गाय के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करता है. उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में सदियों से गायों की अभिन्न भूमिका को प्रदर्शित करता है. अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय लेकर राज्य सरकार ने गाय के गोबर के कृषि लाभों को भी रेखांकित किया है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है.

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