लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) में बीजेपी (BJP) के खिलाफ एकजुट होने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पटना में शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों की पहली बैठक बुलाई थी. इस बैठक में 15 पार्टियों के नेता एक मंच पर आए. इन नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की बात कही. लेकिन मीटिंग में एकता के साथ-साथ दरार भी उजागर हो गई. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए. उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि कांग्रेस पहले दिल्ली सरकार को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश पर अपना रुख साफ करे, नहीं तो उनके साथ किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे.
मीटिंग में सबसे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस पर फैसला लेना चाहिए, क्योंकि बाकी सभी पार्टियों ने राज्यसभा में इस अध्यादेश का विरोध करने को लेकर केजरीवाल को समर्थन दिया है. केजरीवाल आज की बैठक में ही इस अध्यादेश को लेकर कांग्रेस का रुख जानना चाहते थे.
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने मीटिंग में कहा कि बीजेपी के किसी भी कदम का समर्थन करने का कोई सवाल ही नहीं है... लेकिन कांग्रेस पार्टी में निर्णय लेने की एक प्रक्रिया और तरीका है...अगले संसद सत्र से पहले इसमें 10 दिन लगेंगे... लेकिन केजरीवाल इस बात पर अड़े हुए थे कि आज की मीटिंग में ही चीजें तय हो जाए. केजरीवाल के इस जिद पर कई नेताओं ने आपत्ति जाहिर की. नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ उमर अब्दुल्ला ने तो यह तक कह दिया, "हम यहां आपके मुद्दे पर चर्चा करने नहीं आए हैं, बल्कि बीजेपी को कैसे रोका जाए, इस मुद्दे पर चर्चा करने आए हैं."
उमर ने धारा 370 पर AAP के रुख पर आश्चर्य जताया
बैठक में जो जानकारियां निकलकर आई थीं, उनके अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने धारा 370 हटाने पर आम आदमी पार्टी के रुख पर आश्चर्य जताया है. वहीं, सभी दलों ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल का समर्थन करने के लिए कांग्रेस से कहा है.
कांग्रेस नेताओं ने आप प्रवक्ता का दिखाया बयान
कांग्रेस नेताओं ने आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का बयान भी दिखाया. इसपर अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि वह पार्टी में नई हैं और उनकी सहमति से यह बयान नहीं दिया गया. हालांकि, केजरीवाल इसपर अलग-थलग पड़ गए. क्योंकि ज्यादातर नेताओं ने इसका विरोध किया.
राहुल गांधी बोले- हम गठबंधन को लेकर बहुत लचीले
राहुल गांधी ने कहा कि हम गठबंधन को लेकर बहुत लचीले हैं. ममता बनर्जी ने भी बंगाल की स्थिति का हवाला देते हुए विस्तार से बात की, लेकिन कहा कि बीजेपी को हराने के लिए हम सब एक साथ हैं. मीटिंग में हालांकि, पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. साथ ही गठबंधन का नाम क्या होगा, इसपर भी कुछ तय नहीं हुआ. अब शिमला में अगली बैठक होगी.
खरगे बोले- सिर पर बंदूक रखकर बात नहीं हो सकती
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के खिलाफ आप के कई भड़काऊ बयानों का जिक्र किया. खरगे ने इस बैठक से पहले केजरीवाल के बयान का भी जिक्र किया. केसी वेणुगोपाल ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोई कांग्रेस के सिर पर बंदूक रखकर कोई बातचीत की मांग नहीं कर सकता.
अध्यादेश के लिए किसी अलग तंत्र की जरूरत नहीं-खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आप नियमित रूप से विपक्षी दलों की बैठकों में भाग लेती है, जहां आम और सहमत रणनीतियों पर काम किया जाता है. अध्यादेश के लिए किसी अलग तंत्र की जरूरत नहीं है. इसे बीजेपी सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए गठबंधन की पूर्व शर्त के रूप में रखा गया है.
शिमला में 10 से 12 जुलाई के बीच अगली बैठक
विपक्षी पार्टियों की अगली बैठक शिमला में 10 से 12 जुलाई के बीच हो सकती है. सीएम आवास में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक जल्द की जाएगी और इसी बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा कि कौन कहां से, कैसे लड़ेगा.
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