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पुरी भगदड़: जानिए राजा की मांग, सीएम की माफी से लेकर जगन्नाथ रथयात्रा के सभी बड़े अपडेट

ओडिशा DGP वाई बी खुरानिया ने कहा कि भक्तों का बहुत बड़ा जमावड़ा है और भारी संख्या में भक्त सभी दिशाओं से आ रहे हैं. भक्तों से अनुरोध करना चाहूंगा कि जो भी प्रशासन की तरफ़ से डाइरेक्शन दिए जा रहे हैं और आदेश दिए जा रहे हैं, सारे भक्त उसे फ़ॉलो करें.

पुरी भगदड़: जानिए राजा की मांग, सीएम की माफी से लेकर जगन्नाथ रथयात्रा के सभी बड़े अपडेट
  • पुरी में भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई, करीब 50 अन्य घायल हुए.
  • मुख्यमंत्री ने भगदड़ के लिए श्रद्धालुओं से माफी मांगी और जांच का आश्वासन दिया.
  • पुरी के राजा ने घटना की जांच की मांग की और पुनरावृत्ति रोकने के उपायों का आग्रह किया.
  • जगन्नाथ रथ यात्रा में लाखों लोग शामिल होते हैं, जो भगवान की वापसी का प्रतीक है.
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ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के नजदीक रविवार को मची भगदड़ (Puri Stampede) में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और लगभग 50 अन्य घायल हो गए. यह घटना तड़के लगभग चार बजे हुई जब हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) उत्सव देखने के लिए मंदिर के निकट एकत्र हुए थे. मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू (36) और बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती (80) और प्रवती दास (42) के रूप में हुई है.

सीएम की माफी

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मुख्यमंत्री माझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भगदड़ की घटना के लिए मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं. महाप्रभु के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में उत्सुकता अधिक थी... धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं. हम भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं... महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें. यह लापरवाही अक्षम्य है. सुरक्षा चूक की तत्काल जांच की जाएगी और मैंने निर्देश दिया है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.''

राजा की मांग

पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ पर रविवार को दुख व्यक्त किया और ओडिशा सरकार से इस घटना की तत्काल एवं व्यापक जांच कराने की अपील की. देब श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (एसजेटीएमसी) के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने राज्य सरकार से ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित और तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया. देब ने कहा कि वह 'श्री गुंडिचा मंदिर के पास कल रात मची भगदड़ के बारे में जानकर स्तब्ध और बहुत दुखी हैं, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए.' उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की तथा शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.

डीएम-एसपी के तबादले

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सरकार ने पुरी कलेक्टर (जिला मजिस्ट्रेट) सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया गया है. सुरक्षा व्यवस्था में सीधे तौर पर शामिल फील्ड स्तर के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बिष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी के निलंबन की भी घोषणा की गई है.

  1. नये एसपी-डीएम लाए गए : चंचल राणा को पुरी का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है. पिनाक मिश्रा जिले के नए पुलिस अधीक्षक का पदभार संभालेंगे. 
  2. यात्रा के नये प्रभारी नियुक्त: वरिष्ठ अधिकारी अरविंद अग्रवाल को रथ यात्रा के समग्र पर्यवेक्षण के प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है. अग्रवाल के पास रथयात्रा प्रबंधन का पिछला अनुभव भी है.
  3. मुआवजे की घोषणा : ओडिशा सरकार मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी.
  4. पुलिस व्यवस्था का प्रभार: ओडिशा सरकार ने 2025 में पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा और संबंधित अनुष्ठानों/समारोहों/त्योहारों के संबंध में सामान्य पुलिस व्यवस्था का समग्र प्रभार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसके प्रियदर्शी को सौंपा.

जगन्नाथ रथयात्रा का महत्व और कथा

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रथयात्रा के दौरान, भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ, अपने मंदिर से बाहर निकलकर अपने मौसी के घर (गुंडिचा मंदिर) जाते हैं. यह यात्रा भगवान की वापसी की प्रतीक है, जो अपने भक्तों के साथ समय बिताने के लिए आते हैं. रथयात्रा के दौरान, भगवान के रथों को खींचने के लिए लाखों लोग इकट्ठे होते हैं. माना जाता है कि रथ खिंचने से पाप नष्ट होते हैं. पौराणिक कथा है कि भगवान जगन्नाथ की मौसी, महारानी गुंडिचा, भगवान की भक्त थीं. उन्होंने भगवान जगन्नाथ से अपने घर आने का अनुरोध किया था. भगवान ने अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने मौसी के घर जाने का वादा किया था. हर साल, भगवान जगन्नाथ अपने मौसी के घर (गुंडिचा मंदिर) जाते हैं और वहां 7 दिनों तक रहते हैं. इस दौरान, भगवान के रथों को खींचने के लिए लाखों लोग इकट्ठे होते हैं.


 

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