लोकसभा चुनाव : रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट पर मुकाबला दिलचस्प, नारायण राणे के खिलाफ शिवसेना(UBT) ने विनायक राउत को उतारा

नारायण राणे का कहना है कि शिवसेना में फूट पड़ने के कारण लोगों में उद्धव ठाकरे के प्रति किसी तरह की सहानुभूति है, यह कहना गलत होगा. इनके मुताबिक आज शिवसेना का जो हाल हुआ है उसके लिए उद्धव ठाकरे का अपने लोगों के साथ दुर्व्यवहार जिम्मेदार है.

नई दिल्ली:

देश की सबसे खूबसूरत संसदीय सीटों में से एक है रत्नागिरी सिंधुदुर्ग की सीट...यह एक संवेदनशील सीट भी है, क्योंकि यहां मुकाबला दो दिग्गजों के बीच हो रहा है, जो किसी वक्त एक साथ एक ही पार्टी में थे और आज एक दूसरे को शिकस्त देने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में साढ़े सात सौ किलोमीटर लंबा समुद्र तट है. रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग नाम के दो जिले तटीय इलाके में आते हैं. इन दोनों जिलों को मिलाकर एक लोकसभा सीट बनाई गई है.

बीजेपी उम्मीदवार नारायण राणे अब तक राज्यसभा के सदस्य थे. लेकिन अब लोकसभा में जगह पाने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे राणे यहां से 6 बार विधायक भी रह चुके हैं. राणे का दावा है कि कोकण की मिट्टी से ही पैदा होने के कारण उन्हें स्थानीय लोगों की समस्याएं पता है.

नारायण राणे का कहना है कि शिवसेना में फूट पड़ने के कारण लोगों में उद्धव ठाकरे के प्रति किसी तरह की सहानुभूति है, यह कहना गलत होगा. इनके मुताबिक आज शिवसेना का जो हाल हुआ है उसके लिए उद्धव ठाकरे का अपने लोगों के साथ दुर्व्यवहार जिम्मेदार है.

नारायण राणे की इस सीट से उम्मीदवारी घोषित होने के पहले कई दिनों तक सस्पेंस बना रहा. गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चर्चा के दौरान भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान हुई. शिवसेना कहना था कि जब बीजेपी और अविभाजित शिव सेना का गठबंधन हुआ करता था तब यह सीट शिवसेना के हिस्से में जाती थी. ऐसे में इस बार भी शिवसेना को ही मिलनी चाहिए.

उधर, बीजेपी का तर्क था कि नारायण ने को अगर यहां से उतारा जाए तो उनके जीतने की गुंजाइश ज्यादा है. आखिरकार शिंदे वाली शिवसेना को झुकना पड़ा और बीजेपी ने यहां से नारायण जाने को उम्मीदवार घोषित कर दिया.

2009 में एक बार नारायण राणे के बड़े बेटे निलेश राणे एक बार इस सीट से सांसद चुने जा चुके हैं. उसके बाद 2014 और 2019 में शिवसेना से विनायक रावत यहां से सांसद चुने गए. रावत का आरोप है कि नारायण दाने और उनके दोनों बेटे इलाके में दबंगई करते हैं. इसलिए लोग उनका साथ नहीं देंगे.

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता विनायक राउत ने कहा कि अपनी गुंडागर्दी से राणे और उनके बेटों ने इलाके में दहशत का निर्माण किया है मैं तो सादा आदमी हूं. उनके पास पैसा बहुत है. राउत ने आरोप लगाया कि नारायण राणे सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन को अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं.

रत्नागिरी सिंधुदुर्ग सीट से जीत हासिल करना बीजेपी और पर ठाकरे सेना के लिए नाक का सवाल बन गया है और दोनों ही पार्टियां अपने स्टार प्रचारकों को यहां उतार रही है. नारायण राणे के लिए खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां पर एक रैली ली एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे भी नारायण राणे के लिए वोट मांग रहे हैं .दूसरी तरफ राउत के लिए उनकी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य प्रचार कर रहे हैं.

रत्नागिरी सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा की सीटें आती हैं, जिनमें से चार पर महायुति का कब्जा है और दो सीटों पर शिवसेना उद्धव ठाकरे के विधायक हैं. यहां मतदान 7 में को होगा.

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