राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को मंगलवार को खारिज किया और कहा कि वह पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे. उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि 25 साल पहले उन्होंने जिस पार्टी की स्थापना की थी, उस पर अपनी पकड़ ढीली करने की उनकी कोई योजना नहीं है. उनके कमजोर स्वास्थ्य, बुढ़ापे और कानूनी मुद्दों को लेकर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही थीं.
दो महीने से अधिक समय बाद यहां अपने घरेलू मैदान पर पहुंचे लालू प्रसाद ने दिल्ली से उड़ान में सवार होने से पहले अपने विचार साझा किए. मीडिया के एक वर्ग में उन खबरों के बारे में पटना में पूछे जाने पर कि वह पार्टी के शीर्ष पद को छोटे बेटे और उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को बना सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘ये सब अटकलें गलत है.''
अपने यात्रा कार्यक्रम का विवरण साझा करते हुए, आरजेडी प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी 10 फरवरी को निर्धारित है, जिसमें मैं भाग लूंगा. 15 तारीख को मैं रांची जाऊंगा, सीबीआई अदालत के सामने पेश होकर वापस लौटूंगा.''
लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े मामलों में दोषी करार दिए गए हैं. रांची की सीबीआई अदालत 15 फरवरी को डोरंडा कोषागार मामले में अपना फैसला सुनाएगी. अगर उन्हें दोषी ठहराया जाता है, तो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को फिर से जेल हो सकती है. उन्हें एक साल से भी कम समय पहले जमानत पर रिहा किया गया था.
आरजेडी प्रमुख ने राज्य के लिए विशेष दर्जे जैसे मुद्दों पर बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर चल रही अंदरूनी कलह पर प्रकाश डालने की कोशिश की, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि यह मांग पहली बार तब उठाई गई थी जब उनकी पार्टी सत्ता में थी.
लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने और 2017 में एनडीए में वापसी के अप्रत्यक्ष संदर्भ में कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीतीश को सत्ता के लिए किसी के साथ गठबंधन करने में कोई दिक्कत नहीं है.''
पटना पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. हालांकि लालू प्रसाद यादव ने हवाई अड्डे पर घंटों इंतजार कर रहे स्थानीय पत्रकारों से कोई बात नहीं की.
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