चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई फिर टल गई है. झारखंड हाईकोर्ट उनकी जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 19 फरवरी को करेगा. लालू यादव दिसंबर, 2017 से जेल में हैं. 2018 में उन्हें आईपीसी की धारा के तहत सात सालों और भ्रष्टाचार-रोधी एक्ट के तहत सात सालों की सजा सुनाई गई थी. बता दें कि लालू यादव फिलहाल दिल्ली एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं.
'दुमका ट्रेज़री केस' बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेज़री से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है, और इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेज़री केस में अक्टूबर में ही ज़मानत मिल गई थी. लेकिन 'दुमका ट्रेज़री केस' की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा.
बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल लालू यादव को जेल से रिहा किए जाने को लेकर अभियान चला रहे हैं. उनके बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को 50,000 पोस्टकार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे हैं. इसमें आग्रह किया गया गया है कि मानवीय संवेदनाओं के आधार पर लालू प्रसाद को जेल से रिहा कर दिया जाए.
लालू यादव को जनवरी में निमोनिया होने की शिकायत के आधार पर रांची के रिम्स अस्पताल से दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया था. अभी 5 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट पेश न किए जाने पर नाराजगी जताई थी. अदालत ने राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के निदेशक को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि आखिर किस आधार पर राजद प्रमुख को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थानांतरित किया गया.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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