धोर्दो के रास्ते में लगा डीजीपी कान्फ्रेंस का बोर्ड।
धोर्दो:
कच्छ की टेंट सिटी इन दिनों वीवीआईपी जोन घोषित की जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां दो रातें गुजारने वाले हैं। उनके लिए तीन बुलेट प्रूफ टेंट लगाए गए हैं। इलाके को नो फ्लाई जोन करार दे दिया गया है। यह इलाका पाकिस्तान की सरहद से सिर्फ 112 किलोमीटर दूर है इसीलिए धोर्दो को किले में तब्दील कर दिया गया है।
कच्छ रणोत्सव में चल रहा सेक्यूरिटी टूरिज्म
NDTV इंडिया की टीम टेंट सिटी पहुंची। हमें भी सुरक्षा का हवाला देकर रोक लिया गया। ‘कच्छ रणोत्सव’ में पर्यटकों के लिए 400 टेंट तैयार किए गए हैं, जो फिलहाल डीजीपी और अन्य पुलिस अफसरों के लिए बुक हैं। आम लोगों के लिए रणोत्सव 21 दिसंबर से शुरू होगा। तब तक इस इलाके में सिर्फ सुरक्षा टूरिज्म होगा। इस बार कॉन्फ्रेंस में रैडिकलाइजेशन, असहनशीलता, आईएस और साइबर सुरक्षा के सवाल पर खास फोकस है।
प्रधानमंत्री जाएंगे भारत-पाकिस्तान की सरहद पर
वैसे टेंट सिटी में खास कांफ्रेंस हॉल बनाया गया है, साथ ही शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए स्टेडियम है। प्रधानमंत्री सरहद पर भी जाएंगे जहां उन्हें बीएसएफ सरहद की सुरक्षा के बारे में बताएगी।
सुरक्षा के नाम पर खर्च कितना?
इन सबके बीच इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि इतनी दूर आकर इतना बड़ा आयोजन करना कितना ठीक है और इस पर कितना खर्च हो रहा है। इस बार 18 से 20 दिसंबर तक डीजीपी कॉन्फ्रेंस कच्छ के रण में हो रही है। देश भर से 450-500 अफसर यहां पहुंचकर आतंकवाद से लेकर सहनशीलता तक के मुद्दे पर विचार करेंगे। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सहित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी यहां होंगे।
कच्छ रणोत्सव में चल रहा सेक्यूरिटी टूरिज्म
NDTV इंडिया की टीम टेंट सिटी पहुंची। हमें भी सुरक्षा का हवाला देकर रोक लिया गया। ‘कच्छ रणोत्सव’ में पर्यटकों के लिए 400 टेंट तैयार किए गए हैं, जो फिलहाल डीजीपी और अन्य पुलिस अफसरों के लिए बुक हैं। आम लोगों के लिए रणोत्सव 21 दिसंबर से शुरू होगा। तब तक इस इलाके में सिर्फ सुरक्षा टूरिज्म होगा। इस बार कॉन्फ्रेंस में रैडिकलाइजेशन, असहनशीलता, आईएस और साइबर सुरक्षा के सवाल पर खास फोकस है।
प्रधानमंत्री जाएंगे भारत-पाकिस्तान की सरहद पर
वैसे टेंट सिटी में खास कांफ्रेंस हॉल बनाया गया है, साथ ही शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए स्टेडियम है। प्रधानमंत्री सरहद पर भी जाएंगे जहां उन्हें बीएसएफ सरहद की सुरक्षा के बारे में बताएगी।
सुरक्षा के नाम पर खर्च कितना?
इन सबके बीच इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि इतनी दूर आकर इतना बड़ा आयोजन करना कितना ठीक है और इस पर कितना खर्च हो रहा है। इस बार 18 से 20 दिसंबर तक डीजीपी कॉन्फ्रेंस कच्छ के रण में हो रही है। देश भर से 450-500 अफसर यहां पहुंचकर आतंकवाद से लेकर सहनशीलता तक के मुद्दे पर विचार करेंगे। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सहित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी यहां होंगे।
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