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This Article is From Mar 14, 2019

कुमार विश्वास बोले- आतंकियों के इस 'फूफा' को अब सबक सिखाना होगा

जैश सरगना मसूद अजहर(JeM Chief Masood Azhar) को एक बार फिर चीन की ओर से ग्लोबल आतंकी घोषित करने से बचाए जाने पर कुमार विश्वास(Kumar Vishwas) ने हमला बोला है.

कुमार विश्वास बोले- आतंकियों के इस 'फूफा' को अब सबक सिखाना होगा
Kumar Vishwas : कवि कुमार विश्वास की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:

जैश सरगना मसूद अजहर(JeM Chief Masood Azhar) को एक बार फिर चीन की ओर से ग्लोबल आतंकी घोषित करने से बचाए जाने पर कुमार विश्वास(Kumar Vishwas) ने हमला बोला है. उन्होंने चीन को पाकिस्तान का 'फूफा' करार दिया है. कहा है कि समय आ गया है कि देश की सरकार,जनता और उद्योग समूहों को पाकिस्तान के साथ-साथ आतंकियों के इस फूफा “चीन” को भी सबक़ सिखाना होगा. देश को एक सुदीर्घ कार्यनीति योजनापूर्वक लागू करनी होगी ताकि एक तरफ़ तो देश के छोटे-मंझोले उद्योग आत्मनिर्भर हो सके और दूसरी और इस ड्रैगन को औक़ात पता चले. सोशल मीडिया पर सक्रिय कुमार विश्वास देश और समाज से जुड़े अहम मुद्दों पर ट्वीट के जरिए तीखी प्रतिक्रियाओं के लिए जाने जाते हैं. 

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चौथी के चलते भारत को झटका
चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने को लेकर भारत की कोशिश को झटका देते हुए प्रस्ताव में रोड़े अटका दिए. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘‘1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी'' के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था. 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी. इस हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था. कमेटी के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कार्य दिन का वक्त था. यह अविध बुधवार को (न्यूयॉर्क के) स्थानीय समय दोपहर तीन बजे (भारतीय समयनुसार बृहस्पतिवार रात साढ़े 12 बजे) खत्म होनी थी.संयुक्त राष्ट्र में एक राजनयिक ने  बताया कि समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक' लगा दी. राजनयिक ने कहा कि चीन ने प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और वक्त मांगा है.यह तकनीकी रोक छह महीनों के लिए वैध है और इसे आगे तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है.

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क्या कहा विदेश मंत्रालय ने
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने इस पर (घटनाक्रम पर) निराशा जताई.मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम निराश हैं. लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए.''मंत्रालय ने कहा कि हम प्रस्ताव लाने वाले सदस्य राष्ट्रों के प्रयास के लिए आभारी हैं. साथ में सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों और गैर सदस्यों के भी आभारी हैं जिन्होंने इस कोशिश में साथ दिया. मंत्रालय ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि कमेटी अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं कर सकी क्योंकि एक सदस्य देश ने प्रस्ताव रोक दिया.बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था.

कमेटी आम सहमति से निर्णय करती है. संयुक्त राष्ट्र में नियुक्त भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘बड़े, छोटे और कई...1 बड़े देश ने रोक दिया, फिर से...1 छोटा सिग्नल @आतंक के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र. कई देशों का आभार - बड़े और छोटे - जो अभूतपूर्व संख्या में इस कवायद में शामिल हुए."उल्लेखनीय है कि सारी नजरें चीन पर थी क्योंकि वह पहले भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की भारत की कोशिशों में रोड़ा अटका चुका है. 

वीडियो- चीन ने जैश सरगना मसूद अजहर को फिर बचाया 

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