केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली पुलिस के पांच अधिकारियों की अकर्मण्यता के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के आदेश दे दिए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पद की गरिमा को बरकरार रखने के लिए प्रदर्शन समाप्त करने की अपील की।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी दिवस (एनआईए) पर एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे ने संवाददाताओं से बातचीत में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन लाए जाने की केजरीवाल की मांग को ठुकरा दिया।
शिंदे ने कहा, "उपराज्यपाल ने न्यायिक जांच की शुरुआत कर बड़ा कदम उठाया है। जिम्मेदारी तय की जाएगी।"
केजरीवाल, उनके मंत्रियों और कई समर्थकों ने सोमवार को संसद के नजदीक धरना दिया। इसके पहले उन्हें पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ जाने से रोक दिया था।
आम आदमी पार्टी (आप) ने पुलिस अधिकारियों पर एक महिला को जिंदा जलाने के मामले में उसके सुसराल वालों के खिलाफ, देह व्यापार और मादक पदार्थों के तस्करों और डेनमार्क की महिला पर्यटक के साथ हुए दुष्कर्म मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था।
केजरीवाल के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री को न्यायिक जांच में भरोसा होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "उन्हें अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। सहयोग जरूरी है।"
शिंदे ने कहा कि गणतंत्र दिवस को देखते हुए गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार के अन्य दफ्तरों के आसपास धारा 144 लागू की गई थी।
केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन करने की मांग की है। शिंदे ने इस पर कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और यहां ऐसी व्यवस्था है जहां पुलिस को केंद्र सरकार को रिपोर्ट करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि इसका पालन अमेरिका में भी किया जाता है। शिंदे ने कहा, "यह राजधानी है। यह नहीं किया जा सकता।"
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