शिवसेना के सांसद संजय राउत ने आज कहा कि कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और जद (एस) को मौका नहीं दिया गया तो विपक्षी दल संसद को बाधित कर सकते हैं. हालांकि, नैतिक रूप से भाजपा को सबसे पहले अवसर मिलना चाहिए. राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं मानता हूं कि अगर कांग्रेस और जद (एस) साबित करती है कि उनके पास 116 विधायकों का समर्थन है और फिर भी अगर राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं देती तो इसका असर संसद में दिख सकता है और कई दिनों के लिए कार्यवाही बाधित हो सकती है.’’
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हालांकि, राउत ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा नैतिक आधार पर सरकार बनाने का दावा कर सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘ सबसे बड़ी पार्टी को पहले आमंत्रित करना संवैधानिक परिपाटी है.’’ वहीं, कर्नाटक चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर ईवीएम मशीन पर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने कहा कि भाजपा को चाहिए कि वह एक बार ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए. अगर ऐसा होता है तो देश की जनता के सामने स्थिति साफ हो जाएगी.
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इससे पहले मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही थी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए परिणाम आने के बाद भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के साथ ही उद्धव ठाकरे ने भी राज ठाकरे का समर्थन किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जीत है.
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