देशभर से आए भूमिहीन सत्याग्राहियों ने भारत सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत से पहले शर्तें रखीं हैं। इनका कहना है कि आंदोलनकारियों की जमीनें इन्हें वापस दी जानी चाहिए और इस मुद्दे पर वह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
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नई दिल्ली:
देशभर से आए भूमिहीन सत्याग्राहियों ने भारत सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत से पहले शर्तें रखीं हैं। इनका कहना है कि आंदोलनकारियों की जमीनें इन्हें वापस दी जानी चाहिए और इस मुद्दे पर वह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
सोमवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश अगले दौर की बातचीत करेंगे। इस मीटिंग में एक परिषद की तरफ से लोग शामिल होंगे। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे पीवी राजगोपाल इस मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं।
केंद्र ने इस मामले में बातचीत के लिए जयराम रमेश और ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुना है जो पहले भी आंदोलनकारियों से बातचीत कर चुके हैं। लेकिन, ग्वालियर में हुई यह बातचीत बेनतीजा रही थी।
अपनी जमीन से जुड़े हक की मांग कर रहे सत्याग्रहियों का एक हुजूम 3 अक्टूबर को ग्वालियर से दिल्ली के लिए निकला था। इस हुजूम में करीब 50 हजार भूमिहीन लोग शामिल हैं।
सोमवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश अगले दौर की बातचीत करेंगे। इस मीटिंग में एक परिषद की तरफ से लोग शामिल होंगे। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे पीवी राजगोपाल इस मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं।
केंद्र ने इस मामले में बातचीत के लिए जयराम रमेश और ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुना है जो पहले भी आंदोलनकारियों से बातचीत कर चुके हैं। लेकिन, ग्वालियर में हुई यह बातचीत बेनतीजा रही थी।
अपनी जमीन से जुड़े हक की मांग कर रहे सत्याग्रहियों का एक हुजूम 3 अक्टूबर को ग्वालियर से दिल्ली के लिए निकला था। इस हुजूम में करीब 50 हजार भूमिहीन लोग शामिल हैं।
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