जम्मू:
जम्मू से करीब 35 किमी दूर आतंकवाद प्रभावित त्राल शहर में कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने सात साल में पहली रैली की। इस रैली में एक बार फिर पाकिस्तान समर्थक नारे लगे और पाकिस्तानी झंडा भी लहराया गया।
गिलानी की 15 अप्रैल को आयोजित रैली में भी समर्थकों ने पाकिस्तानी झंडे लहराए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। गिलानी के करीबी सहायक मसर्रत आलम भट और अन्य के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य मामले दर्ज किए गए थे। उस रैली के अगले ही दिन मसर्रत आलम को गिरफ्तार कर लिया गया और एक हफ्ते बाद उसके खिलाफ जनसुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गिलानी ने शुक्रवार को आयोजित इस रैली में कहा कि दक्षिण कश्मीर में होने वाली सालाना अमरनाथ यात्रा को श्रद्धालुओं की सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा की खातिर 30 दिन की कर देना चाहिए। गिलानी ने पुलवामा जिले के त्राल में आयोजित रैली में कहा, 'हम सरकार को उत्तराखंड की गंगोत्री यात्रा की समय सारणी की तरह ही इसे एक माह की करने की सलाह देते हैं। यह श्रद्धालुओं और पर्यावरण दोनों के लिए सही रहेगा।' पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए इस साल यह यात्रा दो जुलाई से शुरू होकर 59 दिन चलेगी।
गिलानी ने घाटी में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, 'हम शराब की सभी दुकानें बंद करने और शराब पर पूर्ण-प्रतिबंध की मांग करते हैं। हम पर्यटकों और यात्रियों का स्वागत करते हैं लेकिन हम किसी को भी सदियों पुराने धर्मों, संस्कृति, नैतिक मूल्यों और हमारे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।'
कश्मीर जोन के महानिरीक्षक एस.जे.एम. गिलानी ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा, 'अब तक हमें (आज की घटना के बारे में) ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली हैं।'
हिंदू, सिखों और ईसाइयों को कश्मीरी समाज का हिस्सा बताते हुए गिलानी ने कहा, 'हम पंडितों की वापसी का स्वागत करते हैं, लेकिन उनके लिए अलग टाउनशिप न तो पंडितों के लिए अच्छा है और न ही मुस्लिमों के लिए।' गिलानी ने कहा, 'अलग कॉलोनी की स्थापना करना धर्म के आधार पर समाज को बांटने जैसा है, जिससे हमारे सालों पुराने सह-अस्तित्व और भाईचारे को नुकसान होगा।'
उन्होंने कहा कि पंडितों को उनके मुस्लिम भाइयों से कोई खतरा नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'आपको हम यह आश्वासन देना चाहते हैं कि हम आपकी जान और सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।' गिलानी ने आरोप लगाया कि स्कूल स्तर पर स्थायी निवासी प्रमाणपत्र देना पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों को 'पिछले दरवाजे' से बसाने का एक षड्यंत्र है।
उन्होंने कहा, 'हम इसका पूरी तरह विरोध करेंगे।' गिलानी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर में आरएसएस का 'मुस्लिम विरोधी' एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग कहते हैं कि पीडीपी अन्य दल से कहीं ज्यादा खतरनाक है। मुफ्ती तो केवल कुर्सी पर हैं, लेकिन अधिकार नागपुर में हैं और राज्य को (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी और (केंद्रीय गृहमंत्री) राजनाथ सिंह चला रहे हैं।
गिलानी की 15 अप्रैल को आयोजित रैली में भी समर्थकों ने पाकिस्तानी झंडे लहराए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। गिलानी के करीबी सहायक मसर्रत आलम भट और अन्य के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य मामले दर्ज किए गए थे। उस रैली के अगले ही दिन मसर्रत आलम को गिरफ्तार कर लिया गया और एक हफ्ते बाद उसके खिलाफ जनसुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गिलानी ने शुक्रवार को आयोजित इस रैली में कहा कि दक्षिण कश्मीर में होने वाली सालाना अमरनाथ यात्रा को श्रद्धालुओं की सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा की खातिर 30 दिन की कर देना चाहिए। गिलानी ने पुलवामा जिले के त्राल में आयोजित रैली में कहा, 'हम सरकार को उत्तराखंड की गंगोत्री यात्रा की समय सारणी की तरह ही इसे एक माह की करने की सलाह देते हैं। यह श्रद्धालुओं और पर्यावरण दोनों के लिए सही रहेगा।' पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए इस साल यह यात्रा दो जुलाई से शुरू होकर 59 दिन चलेगी।
गिलानी ने घाटी में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, 'हम शराब की सभी दुकानें बंद करने और शराब पर पूर्ण-प्रतिबंध की मांग करते हैं। हम पर्यटकों और यात्रियों का स्वागत करते हैं लेकिन हम किसी को भी सदियों पुराने धर्मों, संस्कृति, नैतिक मूल्यों और हमारे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।'
कश्मीर जोन के महानिरीक्षक एस.जे.एम. गिलानी ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा, 'अब तक हमें (आज की घटना के बारे में) ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली हैं।'
हिंदू, सिखों और ईसाइयों को कश्मीरी समाज का हिस्सा बताते हुए गिलानी ने कहा, 'हम पंडितों की वापसी का स्वागत करते हैं, लेकिन उनके लिए अलग टाउनशिप न तो पंडितों के लिए अच्छा है और न ही मुस्लिमों के लिए।' गिलानी ने कहा, 'अलग कॉलोनी की स्थापना करना धर्म के आधार पर समाज को बांटने जैसा है, जिससे हमारे सालों पुराने सह-अस्तित्व और भाईचारे को नुकसान होगा।'
उन्होंने कहा कि पंडितों को उनके मुस्लिम भाइयों से कोई खतरा नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'आपको हम यह आश्वासन देना चाहते हैं कि हम आपकी जान और सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।' गिलानी ने आरोप लगाया कि स्कूल स्तर पर स्थायी निवासी प्रमाणपत्र देना पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों को 'पिछले दरवाजे' से बसाने का एक षड्यंत्र है।
उन्होंने कहा, 'हम इसका पूरी तरह विरोध करेंगे।' गिलानी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर में आरएसएस का 'मुस्लिम विरोधी' एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग कहते हैं कि पीडीपी अन्य दल से कहीं ज्यादा खतरनाक है। मुफ्ती तो केवल कुर्सी पर हैं, लेकिन अधिकार नागपुर में हैं और राज्य को (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी और (केंद्रीय गृहमंत्री) राजनाथ सिंह चला रहे हैं।
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