चेन्नई:
लिट्टे के मारे जा चुके प्रमुख प्रभाकरण के बेटे की कथित निर्मम हत्या पर विरोध प्रदर्शनों के बीच तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने गुरुवार को यह कहकर 20वीं एशियाई खेल चैंपियनशिप की मेजबानी से इनकार कर दिया कि श्रीलंका के खिलाड़ियों के लिए राज्य में कोई जगह नहीं है। इन खेलों का यहां जुलाई में आयोजन होना था।
जयललिता ने कहा कि सरकार ने सिंगापुर में एशियन एथलेटिक्स एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा है कि तमिलनाडु के लोगों की 'भावनाओं' को ध्यान में रखते हुए श्रीलंका की टीम को खेलों से दूर रखा जाना चाहिए, क्योंकि श्रीलंका सरकार बार-बार जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल इकाई से श्रीलंका सरकार को उचित तरीके से राज्य सरकार के फैसले के बारे में सूचित करने का आग्रह किया गया है।
जयललिता ने बुधवार को श्रीलंका की सेना द्वारा प्रभाकरण के 12-वर्षीय बेटे बालचंद्नन की कथित निर्मम हत्या किए जाने की निंदा की थी। डीएमके सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है।
जयललिता ने लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन के बेटे की कथित नृशंस हत्या के 'अमानवीय कृत्य' पर श्रीलंकाई सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भारत को कोलंबो के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए और मार्च महीने में जिनेवा में होने जा रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बैठक में कथित मानवाधिकार हनन पर खासकर श्रीलंका के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का उसे समर्थन करना चाहिए।
संवाददाताओं से बातचीत में जयललिता ने इसे चरम क्रूरता का एक अमानवीय कृत्य करार देते हुए कहा, वह तो एक बच्चा था, जिसने कोई गुनाह नहीं किया था। उसे सुनियोजित तरीके से मारा गया, क्योंकि वह प्रभाकरन का पुत्र था। यह ऐसी कई हत्याओं का प्रमाण है और इससे श्रीलंका की मौजूदा सरकार की मानसिकता का पता चलता है।
जयललिता ने कहा कि ऐसी हत्याओं से हिटलर के शासनकाल वाले नाजी युग के जर्मनी की याद आती है, जहां यहूदियों को सिर्फ उनकी नस्ल के लिए मार डाला जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा, बालचंद्रन की हत्या गंभीर प्रकृति का युद्ध अपराध है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता। कथित मानवाधिकार हनन को लेकर कोलंबो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए जया ने कहा कि भारत को अमेरिका एंव अन्य देशों से इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए।
जयललिता ने कहा कि सरकार ने सिंगापुर में एशियन एथलेटिक्स एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा है कि तमिलनाडु के लोगों की 'भावनाओं' को ध्यान में रखते हुए श्रीलंका की टीम को खेलों से दूर रखा जाना चाहिए, क्योंकि श्रीलंका सरकार बार-बार जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल इकाई से श्रीलंका सरकार को उचित तरीके से राज्य सरकार के फैसले के बारे में सूचित करने का आग्रह किया गया है।
जयललिता ने बुधवार को श्रीलंका की सेना द्वारा प्रभाकरण के 12-वर्षीय बेटे बालचंद्नन की कथित निर्मम हत्या किए जाने की निंदा की थी। डीएमके सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है।
जयललिता ने लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन के बेटे की कथित नृशंस हत्या के 'अमानवीय कृत्य' पर श्रीलंकाई सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भारत को कोलंबो के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए और मार्च महीने में जिनेवा में होने जा रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बैठक में कथित मानवाधिकार हनन पर खासकर श्रीलंका के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का उसे समर्थन करना चाहिए।
संवाददाताओं से बातचीत में जयललिता ने इसे चरम क्रूरता का एक अमानवीय कृत्य करार देते हुए कहा, वह तो एक बच्चा था, जिसने कोई गुनाह नहीं किया था। उसे सुनियोजित तरीके से मारा गया, क्योंकि वह प्रभाकरन का पुत्र था। यह ऐसी कई हत्याओं का प्रमाण है और इससे श्रीलंका की मौजूदा सरकार की मानसिकता का पता चलता है।
जयललिता ने कहा कि ऐसी हत्याओं से हिटलर के शासनकाल वाले नाजी युग के जर्मनी की याद आती है, जहां यहूदियों को सिर्फ उनकी नस्ल के लिए मार डाला जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा, बालचंद्रन की हत्या गंभीर प्रकृति का युद्ध अपराध है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता। कथित मानवाधिकार हनन को लेकर कोलंबो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए जया ने कहा कि भारत को अमेरिका एंव अन्य देशों से इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं