मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मिली थी उम्रकैद
उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उम्र क़ैद की सज़ा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को रिहा करने का आदेश जारी किया है. अमरमणि और उनकी पत्नी 2003 के मधुमिता हत्याकांड में दोषी पाए गए थे.
ये भी पढ़े- यूपी: 4 माह के नवजात की गैर इरादतन हत्या की दोषी महिला को 3 साल की सजा
कवयित्री मधुमिता शुक्ला की 2003 में लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को साल 2007 में इसके लिए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी.
सरकार ने अपने आदेश में लिखा है कि दोनों 17 साल से ज़्यादा समय से जेल में हैं और दोनों का इस दौरान व्यवहार अच्छा रहा है. आदेश में समय से पहले रिहाई को लेकर मई 2022 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया है.
सीबीआई ने की थी जांच
फिलहाल ये दोनों गोरखपुर जेल में बंद हैं और बांड भरने पर जेल से रिहा हो जाएंगे. कवयित्री मधुमिता की 9 मई 2003 को लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी.
देहरादून के विशेष न्यायाधीश/सत्र न्यायाधीश ने मधुमिता की हत्या के आरोप में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं