लोकसभा में महत्वपूर्ण तेलंगाना विधेयक पारित होते समय सदन में लगे नौ ऑटोमेटिक कैमरों से सिग्नल नहीं मिल पाने की वजह से लोकसभा टीवी का 'ब्लैक आउट' हो गया। एक जांच रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
लोकसभा टीवी पर कल करीब 90 मिनट उस समय सीधा प्रसारण ठप्प (ब्लैक आउट) हो गया जब विवादास्पद तेलंगाना विधेयक पारित हो रहा था।
मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे जैसे ही तेलंगाना विधेयक को चर्चा के लिए लिया गया और गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने बोलना शुरू किया, सीधा प्रसारण बंद हो गया।
लोकसभा टीवी के मुख्य कार्याधिकारी राजीव मिश्रा ने आज बताया कि समस्या इसलिए पेश आई क्योंकि कैमरों के सिग्नल कमरा संख्या-50 में स्थित मिक्सर रूम को नहीं मिल पा रहे थे। यहीं से चैनल को 'लाइव फीड' मिलता है।
उन्होंने कहा कि आडियो फीड मिल रहा था, लेकिन वीडियो फीड नहीं हासिल हो पा रहा था। लोकसभा टीवी निचले सदन की पूरी कार्यवाही का सीधा प्रसारण करता है। ब्लैक आउट की अवधि के दौरान चैनल पर 'सदन की कार्यवाही स्थगित' संदेश दिखाई दे रहा था। हालांकि ऐसा नहीं था क्योंकि उस समय सदन के भीतर कार्यवाही चल रही थी।
कुछ समय बाद स्क्रीन पर लिखा था 'लोकसभा का प्रसारण थोड़ी देर में' लेकिन प्रसारण शुरू नहीं हुआ और विधेयक पारित हो गया तथा 90 मिनट की कार्यवाही के बाद सदन की बैठक स्थगित हो गई। इस तकनीकी खराबी की जांच का आदेश देने वाले मिश्रा ने कहा कि आज दोपहर 1 बजे एक केबल बदलने के बाद खराबी दुरुस्त हुई।
उन्होंने कहा कि ब्लैक आउट की अवधि के दौरान मिली ऑडियो फीड को लोकसभा और लोकसभा की वेबसाइटों पर कल अपलोड कर दिया जाएगा।
मिश्रा ने कहा कि खराबी के बाद उन्होंने तकनीकी कर्मियों की आपात बैठक बुलायी और आज तक रिपोर्ट देने को कहा था।
इससे पहले भाजपा ने ब्लैक आउट की निन्दा करते हुए आज सुबह अपनी संसदीय दल की बैठक में इसके खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया।
भाजपा संसदीय पार्टी ने कहा कि ब्लैक आउट सुनियोजित था और ये कोई तकनीकी खराबी नहीं थी जैसा कि कल लोकसभा सचिवालय की ओर से दावा किया गया था।
लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में हुई बैठक में मांग की गयी कि जब विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा हो रही हो, कार्यवाही का सीधा प्रसारण अवश्य होना चाहिए।
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