केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि सरकारी महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक व्यवहार भी यौन उत्पीड़न के बराबर हो सकता है।
कार्मिक और लोक शिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में आज बताया, 'रोजगार में विशेष या निर्णायक व्यवहार, मौजूदा या भावी रोजगार को लेकर धमकी और ऐसा अपमानजनक व्यवहार जिससे महिला कर्मचारी का स्वास्थ्य या सुरक्षा प्रभावित हो सकती है वह यौन उत्पीड़न के समान हो सकता है।'
उन्होंने कहा, इसके अलावा, उसके कामकाज में बाधा या आक्रामक या डराने धमकाने वाला या उत्पीड़क कार्य माहौल बनाना भी यौन उत्पीड़न के समान हो सकता है।
कार्मिक, लोक शिकायत मंत्रालय ने कार्य स्थलों पर यौन उत्पीड़न पर रोक लगाने के लिए 19 नवंबर को सेवा नियमों में संशोधन किया था।
केंद्रीय लोक सेवा (आचरण) नियम की नई परिभाषा के अनुसार, 1964 के यौन उत्पीड़न में शारीरिक संपर्क और इशारा करना, यौन आग्रह, अश्लील टिप्पणियां, अश्लील साहित्य को दिखाना और कोई भी अन्य शारीरिक, मौखिक या इशारे वाला व्यवहार यौन प्रताड़ना माना जाता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं