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This Article is From Nov 18, 2015

आतंकवाद के खिलाफ एक मंच पर आए सभी मुस्लिम धर्मगुरु, फतवा जारी

आतंकवाद के खिलाफ एक मंच पर आए सभी मुस्लिम धर्मगुरु, फतवा जारी
नई दिल्ली: आतंकवादी संगठन अलकायदा के बाद अब ISIS अपनी आतंकवादी हरकतों से पूरी दुनिया में हैवानियत का खूनी खेल खेल रहा है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में ISIS ने पिछले दिनों लगातार आतंकवादी हमले किए, जिनमें 129 से अधिक लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

दुनियाभर के मुसलमानों को आतंकवाद से सीधे जोड़कर देखा जाता रहा है। हिंदुस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी संख्या में मुसलमानों की सभी संस्थाओं के साथ ही दूसरे धर्मों के धर्मगुरु एक मंच पर पहुंचे। इसका आयोजन जमीअत उलमा-ए-हिंद ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर किया।

इस आयोजन में जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव व पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी, शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी, जमात-ए-इस्लामी हिन्द के इंतज़ार नईम, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बदरुद्दीन अजमल (सांसद), ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरात के अताउर रहमान, शिया जामा मस्जिद कश्मीरी गेट (दिल्ली) इमाम मोहसिन तकी, मरकज़ी जमीयत अहले हदीस हिन्द के महासचिव मौलाना असगर अली, ऑल इंडिया क्रिश्चन काउंसिल के महासचिव डॉक्टर जॉन दयाल, पूर्व आईएएस वी.एन. राय सहित कई लोग मौजूद थे।
बुधवार को देश के चेन्नई, मालेगाव, औरंगाबाद, पुणे, मुंबई, भोपाल, बेंगलुरु, अहमदाबाद, गुवाहाटी, मणिपुर, त्रिपुरा, देहरादून, रांची, उड़ीसा, जयपुर, पटना, कानपुर, लखनऊ, हैदराबाद, के अलावा देश में 75 स्थानों पर सैकड़ों की तादाद में हाथों में आतंकवाद के खिलाफ तख्ती लेकर लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया गया।

जमीअत उलमा-ए-हिन्द ने क़ुरान और हदीस की रौशनी में ऐलान किया कि आतंकवाद और आतंकवादियों के लिए इस्लाम में कोई जगह नही है। इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैलाने वाले वास्तव में इन्सानियत के साथ-साथ इस्लाम के भी दुश्मन हैं, क्योंकि इस्लाम में ज़ालिम के खिलाफ भी ज़ुल्म करने की मनाही है।

जमीअत ने पेरिस, लेब्नान और तुर्की में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रधांजलि दी और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। जमीअत उलमा-ए-हिन्द ने इस विरोध प्रदर्शन के द्वारा फ्रांस, लेब्नान और तुर्की में हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और मांग की है कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।
राष्ट्रपति, लेब्नान, फ्रांस और तुर्की के राजदूतों को भेजे गए ज्ञापने में जमीअत उलमा-ए-हिन्द ने कहा है कि वह लगातार आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन करती रहेगी। वह तब तक अपना ये अभियान जारी रखेगी कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता। जमीअत ने संयुक्त राष्ट्र से भी मांग है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए आतंकवाद के खिलाफ ठोस क़दम उठाए, जिससे बेगुनाहों की जान न जाए।

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